डायबिटीज में शुगर लेवल ही नहीं मोटापा भी करें कम, अपनाएं नियमित दिनचर्या

डायबिटीज हो जाने पर लोग शुगर लेवल कम करने के लिए भागदौड़ करते हैं। डॉक्टर के अलावा इधर-उधर चक्कर काटते हैं। एक बार शुगर लेवल कम हुआ तो फिर वही अनियमित जीवनशैली में आ जाते हैं।

By Edited By: Publish:Mon, 05 Nov 2018 08:30 AM (IST) Updated:Mon, 05 Nov 2018 10:42 AM (IST)
डायबिटीज में शुगर लेवल ही नहीं मोटापा भी करें कम, अपनाएं नियमित दिनचर्या
डायबिटीज में शुगर लेवल ही नहीं मोटापा भी करें कम, अपनाएं नियमित दिनचर्या

हल्द्वानी (जेएनएन) : डायबिटीज हो जाने पर लोग शुगर लेवल कम करने के लिए भागदौड़ करते हैं। डॉक्टर के अलावा इधर-उधर चक्कर काटते हैं। एक बार शुगर लेवल कम हुआ तो फिर वही अनियमित जीवनशैली में आ जाते हैं। लोगों की इस धारणा को डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक गुप्ता गलत मानते हैं और सलाह देते हैं कि डायबिटीज में शुगर लेवल कम करने के साथ ही मोटापा कम करने पर ध्यान दें।

कोलस्ट्रॉल नियंत्रित करने के अलावा गुर्दे से संबंधित बीमारियों के खतरे को कम करें। शुगर लेवल का इन्हीं पर सबसे अधिक असर पड़ता है। रविवार को सिद्धिविनायक अस्पताल रुद्रपुर के डॉ. गुप्ता दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने कुमाऊं भर के सुधी पाठकों को डायबिटीज के कारण, लक्षण, बचाव व उपचार के बारे में परामर्श दिया।

टाइप टू डायबिटीज को लेकर रहें जागरूक
सामान्य तौर पर डायबिटीज दो टाइप का होता है। टाइप वन जन्मजात होता है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि वीटासेल के स्थायी रूप से डैमेज होने पर बच्चों में यह बीमारी होती है। इस बीमारी के होने पर मरीज की जिंदगी इंसुलिन पर निर्भर हो जाती है। टाइप टू बीमारी पहले 40 साल के बाद बाद में होती है, लेकिन अब युवावस्था में ही होने लगी है। इससे बचने के लिए जागरूक रहने की जरूरत है।

ये है बीमारी का कारण
50 फीसद आनुवांशिक
निष्क्रिय जीवन शैली
समय पर न सोना
अत्यधिक तनाव लेना
गलत खान-पान
ऐसे जानें डायबिटीज हो गया
भूख-प्यास बढ़ जाना
बार-बार पेशाब आना
कमजोरी महसूस होना
आंख की रोशनी कम होना
त्वचा का संक्रमण होना
बचने को अपनाएं ये तरीका
मीठे से परहेज करें
तला-भुना खाने से बचें
खाना कम और बार-बार खाएं
जांचे नियमित कराते रहें
व्यायाम को जीवन का हिस्सा बनाएं
डॉक्टर की सलाह पर ही लें दवा
डॉ. गुप्ता के अनुसार, सामान्य व्यक्ति में शुगर लेवल बिना भोजन किए 100 और भोजन के बाद 135 रहता है। अगर शुगर का यह लेवल 140 और 200 पहुंचता है, तो यह बार्डर लाइन में ही माना जाएगा। इससे ज्यादा होने पर डायबिटोलॉजिस्ट से संपर्क कर दवा का सेवन करना चाहिए। खुद दवा लेने या न लेने का निर्णय न करें। इंसुलिन को लेकर भ्रम न पालें।

इन्होंने लिया परामर्श
काशीपुर के अशोक कुमार पाठक, पिथौरागढ़ की सरस्वती कठायत, रुद्रपुर के रवि प्रकाश, आशीष, भुवन पांडे, हल्द्वानी दमुवाढूंगा के ब्रिजेश पांडे, काठगोदाम के हिमांशु, दीपिका, रितेश अग्रवाल, बिंदुखत्ता के लक्ष्मण सिंह, लालकुआं के दीनबंधु गुप्ता, किच्छा की कमला, पुष्पा पांडे, पंकज शर्मा, भीमताल के मोहन लाल, बरेली के रामेंद्र गुप्ता, लखनऊ की कांति, बागेश्वर के भगवान सिंह, श्रीश जोशी, रामनगर के रमेश उप्रेती, अल्मोड़ा के प्रकाश पांडे, इंदिरा लोहनी, कालाढूंगी के चंदन सिंह, पुलभट्टा के शबीर अहमद आदि ने फोन कर परामर्श लिया।

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