बॉब, विजया, देना बैंक के विलय से खत्म हो जाएगा नैनीताल बैंक का अस्तित्व

बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय की प्रक्रिया तेज होने के साथ ही नैनीताल बैंक के बैंक का विलय होना करीब-करीब तय हो चुका है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 25 Dec 2018 11:55 AM (IST) Updated:Tue, 25 Dec 2018 11:55 AM (IST)
बॉब, विजया, देना बैंक के विलय से खत्म हो जाएगा नैनीताल बैंक का अस्तित्व
बॉब, विजया, देना बैंक के विलय से खत्म हो जाएगा नैनीताल बैंक का अस्तित्व

नैनीताल, जेएनएन : बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय की प्रक्रिया तेज होने के साथ ही नैनीताल बैंक के बैंक का विलय होना करीब-करीब तय हो चुका है। संसद की याचिका समिति की पिछले सप्ताह पेश रिपोर्ट में बैंक के बॉब में विलय की सिफारिश की गई है। तीनों बैंकों का विलय कर नया बैंक बनना तय है। ऐसे में नैनीताल बैंक के अस्तित्व को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

दरअसल, बैंक ऑफ बड़ौदा की नैनीताल बैंक में करीब 97 फीसदी हिस्सेदारी है। 1922 में भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत ने लोगों को साहूकारों से बचाने के लिए ज्वाइंट स्टॉक कंपनी के रूप में नैनीताल बैंक की स्थापना की थी। 70 के दशक में बैंक के समक्ष अस्तित्व का संकट आया तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक ऑफ बड़ौदा को शेयर खरीदकर बचाने को कहा। इसके बाद 1973 में नैनीताल बैंक बॉब के नियंत्रण में आ गया।

इधर, कुछ समय पहले नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने बैंक के डिजीटल वेंचर का विरोध किया। साथ ही विलय का समर्थन किया। एसोसिएशन ने नैनीताल पहुंची संसद की याचिका समिति के समक्ष नैनीताल बैंक के विलय को लेकर प्रत्यावेदन दिया, जबकि नैनीताल बैंक स्टाफ एसोसिएशन ने विलय के विरोध में। पिछले सप्ताह याचिका समिति ने विलय के पक्ष में राय देते हुए संसद में रिपोर्ट पेश की। इसके बाद सरकार ने बॉब, विजया बैंक व देना बैंक को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। नैनीताल बैंक में बॉब के करीब 97 फीसद शेयर हैं, ऐसे में इस बैंक का बॉब में विलय अब महज औपचारिकता रह गई है।

विलय को लेकर संसदीय समिति ने दी है रिपोर्ट

नैनीताल बैंक के चेयरमैन मुकेश शर्मा ने बताया कि नैनीताल बैंक के विलय को लेकर संसदीय समिति ने रिपोर्ट दी है। हालांकि इसे लेकर वित्त मंत्रालय को किसी तरह के दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। दिशा-निर्देश मिलने के बाद ही कार्यवाही होगी। फिलहाल बैंक प्रबंधन का पूरा फोकस एनपीए कम करना है।

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