शिवालिक एलीफैंट रिजर्व को खत्म करने के मामले में स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य सचिव को तलब

एलीफैंट रिजर्व को खत्म करने के मामले में स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। साथ ही केंद्र सरकार वन्यजीव बोर्ड जैव विविधता बोर्ड को 10 दिन में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 07:48 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 07:48 PM (IST)
शिवालिक एलीफैंट रिजर्व को खत्म करने के मामले में स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य सचिव को तलब
अगली सुनवाई 17 मार्च को तय की गई है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने राज्य में शिवालिक एलीफैंट रिजर्व को खत्म करने के मामले में स्टेट वाइल्ड लाइफ  बोर्ड के सदस्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। साथ ही केंद्र सरकार, वन्यजीव बोर्ड, जैव विविधता बोर्ड को 10 दिन में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट इस मामले में अब तक जवाब दाखिल नहीं करने पर सख्त हुई है। मामले में सिर्फ राज्य सरकार ही जवाब दाखिल कर सकी है। अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।

 स्टेट वाइल्ड लाइफ  बोर्ड ने बीते साल 24 नवंबर को एलीफैंट रिजर्व को डीनोटिफाई करने का निर्णय लिया और आठ जनवरी को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। सरकार के इस फैसले को देहरादून की रीनू पाल ने याचिका दायर कर चुनौती दी, जिसमें इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट के 14 अक्टूबर 2020 के विपरीत बताया गया है। दरअसल, 1992 में प्रोजेक्ट एलीफैंट के तहत राज्य सरकार ने 2002 में शिवालिक एलीफैंट  रिजर्व की अधिसूचना जारी की थी, जिसमें कुल 14 कॉरिडोर हैं। इसका राज्य में कुल क्षेत्रफल 5200 वर्ग किलोमीटर है। पूर्व में हाई कोर्ट ने सरकार के इस निर्णय पर रोक लगा दी थी।

राज्य सरकार की ओर से डीनोटिफाई करने की अधिसूचना को लेकर कहा गया था कि इससे विकास योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।

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