सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण कर बनाए धार्मिक स्थलों की सूची हाईकोर्ट ने तलब की naiital news
हाइकोर्ट ने सार्वजनिक स्थान व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके बनाए गए मस्जिद मंदिर गुरुद्वारा व चर्चों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
नैनीताल, जेएनएन : हाइकोर्ट ने सार्वजनिक स्थान व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके बनाए गए मस्जिद, मंदिर, गुरुद्वारा व चर्चों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा है कि प्रदेश के सभी 13 जिलों में अभी तक कितने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च सार्वजनिक स्थानों व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। कोर्ट ने उसकी सूची एक सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा है। सूची पेश नहीं करने पर मुख्य सचिव को चार मार्च को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना होगा।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने मामले में सुनवाई के दौरान नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि करते सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में एक आदेश जारी कर सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि वे सार्वजनिक स्थानों व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके बनाए गए मंदिर-मस्जिद गुरुद्वारा और चर्च को हटाए लेकिन अभी तक उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। इन द मैटर ऑफ रिमूवल आफ इललीगल रिलिजियस स्ट्रेक्चर ऑन द पब्लिक लैंड के रूप में कोर्ट ने जनहित याचिका का संज्ञान लिया है। जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पब्लिक लैंड पर अवैध रूप से बनाए गए मंदिर मस्जिद चर्च और गुरुद्वारा को नहीं हटाया गया।
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