हरिद्वार के चण्डीघाट में संचालित आश्रमों की हाईकोर्ट ने जिला विकास प्राधिकरण से मांगी रिपोर्ट

हाई कोर्ट ने हरिद्वार के चण्डीघाट में संचालित सात आश्रमों की स्थिति के बारे में जिला विकास प्राधिकरण हरिद्वार से दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 13 Sep 2019 06:06 PM (IST) Updated:Fri, 13 Sep 2019 06:06 PM (IST)
हरिद्वार के चण्डीघाट में संचालित आश्रमों की हाईकोर्ट ने जिला विकास प्राधिकरण से मांगी रिपोर्ट
हरिद्वार के चण्डीघाट में संचालित आश्रमों की हाईकोर्ट ने जिला विकास प्राधिकरण से मांगी रिपोर्ट

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने हरिद्वार के चंडीघाट में संचालित सात आश्रमों की स्थिति के बारे में दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश हरिद्वार जिला विकास प्राधिकरण को दिए हैं। कोर्ट ने प्राधिकरण से यह भी बताने को कहा है कि क्या ये आश्रम गंगा तट से दो सौ मीटर की दूरी पर स्थित हैं या नहीं। सरकार से भी पूछा है कि जिन कुष्ठ रोगियों के आवास तोड़े गए, उन्हें मुआवजा दिया गया है या नहीं। कुष्ठ रोगियों का हरिद्वार में पुनर्वास कहां किया गया है। इसकी जानकारी दो सप्ताह में कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में देहरादून की एक्ट नाव वेलफेयर सोसायटी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया था कि 2017 में हरिद्वार जिले में राष्टï्रपति का दौरा हुआ। जिसके कारण वहां पर रह रहे कुष्ठ रोगियों के आवास प्रशासन द्वारा तोड़ दिए गए। जबकि राष्टï्रपति कुष्ठ रोगियों से मिलने आ रहे थे। तब से कुष्ठ रोगियों के पास रहने के लिए आवास नहीं है। इधर सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में लाया गया कि प्रशासन द्वारा कुष्ठ रोगियों के आवास तो तोड़ दिए मगर समीप के ही आश्रमों में अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं की गई। खंडपीठ ने इसे बेहद गंभीर मानते हुए चंडीघाट में संचालित सात आश्रमों की स्थिति के बारे में दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। यह रिपोर्ट जिला विकास प्राधिकरण को देनी होगी। 

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