जानवरों के आतंक पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब

हार्इकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि राज्य सरकार ने आम जनता को जानवरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाए।

By raksha.panthariEdited By: Publish:Fri, 06 Oct 2017 06:38 PM (IST) Updated:Fri, 06 Oct 2017 08:52 PM (IST)
जानवरों के आतंक पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब
जानवरों के आतंक पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब

नैनीताल [जेएनएन]: हाईकोर्ट ने जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग पर सुनवाई की। सुनवार्इ के दौरान उन्होंने सरकार से इस दिशा में उठाए गए कदम का ब्योरा 13 नवंबर तक कोर्ट के समक्ष रखने का निर्देश दिया है। 

अल्मोड़ा के मास्टर आयुष समेत 52 स्कूली बच्चों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पिछले दिनों पत्र लिखकर बंदर व लंगूरों के आतंक से निजात दिलाने की गुहार लगाई थी। बच्चों का कहना था कि स्कूल आते-जाते समय बंदर-लंगूर काटने दौड़ते हैं। बच्चों का लंच बॉक्स भी छीन लेते हैं। बच्चों के पत्र का कोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में संज्ञान लिया है। 

पूर्व में कोर्ट ने सरकार को बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस बारे में हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले में सुनवाई करते हुए जंगली जानवरों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों की प्रगति रिपोर्ट तलब की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अकरम परवेज ने कोर्ट को बताया कि जंगलों के अंधाधुंध कटान से जंगली जानवर आबादी की तरफ आ रहे हैं। पिछले ढाई साल में सरकार द्वारा इसको रोकने के लिए कोई भी काम नहीं किया गया। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर नियत की है।

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