Nainital News : शासन ने दो और सरकारी अधिवक्ताओं को हटाया, कोर्ट में प्रभावी पैरवी न करने पर सरकार नाराज

Nainital News सरकार ने हाई कोर्ट में सही पैरवी न करने पर सख्त रुख अपनाया है और दो और सरकारी अधिवक्ताओं की आबद्धता समाप्त कर दी है। गुरुवार को भी तीन सरकारी अधिवक्ताओेंं को हटाया गया था जिसके साथ ही हटाए गए कुल अधिवक्ताओं की संख्या पांच हो गई है।

By kishore joshiEdited By: Publish:Fri, 23 Sep 2022 04:05 PM (IST) Updated:Fri, 23 Sep 2022 04:05 PM (IST)
Nainital News : शासन ने दो और सरकारी अधिवक्ताओं को हटाया, कोर्ट में प्रभावी पैरवी न करने पर सरकार नाराज
Nainital News: सरकार ने दो और सरकारी अधिवक्ताओं की आबद्धता समाप्त कर दी है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल :  Nainital News : हाई कोर्ट (Nainital High court) में राज्य सरकार के मामलों की पैरवी के लिये आबद्ध किये गए दो और सरकारी अधिवक्ताओं की आबद्धता समाप्त कर दी है। इनमें एक उप महाधिवक्ता व एक वाद धारक हैं । शुक्रवार को सचिव विधि एवं न्याय धनंजय चतुर्वेदी की ओर से जारी आदेश के अनुसार उप महाधिवक्ता विनोद कुमार जैमिनी व वाद धारक मीना बिष्ट की आबद्धता समाप्त की गई है।

कल भी हटाए गए थे तीन सरकारी अधिवक्ता

गुरुवार को भी शासन ने दो उप महाधिवक्ता शेर सिंह अधिकारी व अमित भट्ट के साथ ही वाद धारक सिद्धार्थ बिष्ट की आबद्धता समाप्त कर दी थी। साथ ही कहा था कि अधिवक्ताअों को इस शर्त के साथ आबद्ध किया जाता है कि सरकार किसी भी समय आबद्धता बिना पूर्व सूचना के समाप्त कर सकती है।

शासन ने जारी किए ये थे निर्देश

शासन ने गुरुवार को उच्च न्यायालय में अनेक फौजदारी मामलों से संबंधित रिट याचिकाएं, जमानत प्रार्थना पत्रों आदि में राज्य की तरफ से प्रभावी पैरवी नहीं किए जाने के संबंध में घोर नाराजगी व्यक्त की थी। जिसके बाद सचिव न्याय धनंजय चतुर्वेदी ने आदेश जारी किया था कि फौजदारी मामलों से संबंधित रिट याचिकाएं, जमानत प्रार्थना पत्रों आदि में जिस भी शासकीय अधिवक्ता को राज्य का पक्ष रखने के लिए प्रथम बार नामित किया गया हो, उसे अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी स्थिति में बदला नहीं जाएगा, जिससे उक्त वाद में पैरवी करने वाले संबंधित विभाग के समक्ष भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो। यही नहीं, जो भी विधि अधिकारी वाद की स्थिति से भिज्ञ हो, वे ही अग्रिम नियत तिथियों में राज्य का पक्ष रखेंगे। विधि अधिकारी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में किसी प्रकार की लापरवाही किए जाने की स्थिति में उच्च न्यायालय में राज्य के पक्ष में कोई प्रतिकूल आदेश पारित किया जाता है तो इसके लिए संबंधित विधि अधिकारी स्वयं उत्तरदायी होगें। संबंधित विधि अधिकारी का यह दायित्व होगा कि जिन मामलों में उन्हें राज्य की ओर से नामित किया गया है, उनमें उच्च न्यायालय के समक्ष नियत तिथि से पहले राज्य के संबंधित विभाग जैसे पुलिस, राजस्व पुलिस इत्यादि से प्रति शपथपत्र, पूरक शपथपत्र इत्यादि की सूचना प्रेषित कर उच्च न्यायालय के समक्ष दायर करवाना सुनिश्चित करना हाेगा। यदि वाद में शपथपत्र दाखिल करने में राज्य के किसी विभाग जैसे पुलिस विभाग इत्यादि की कोई लापरवाही की जाती है तो संबंधित विधि अधिकारी संबंधित जिले के एसएसपी या एसपी तथा गृह सचिव को सूचित करेंगें। जिन फौजदारी मामलों में पुलिस, राजस्व पुलिस को पक्षकार बनाया जाता है, प्रत्येक मामले में शासकीय अधिवक्ता अपर मुख्य सचिव गृह, सचिव गृह व एसपी-एसएसपी को ई-मेल से सूचित करेंगें। शासकीय अधिवक्ता की पंजिका में प्रतिदिन प्रविष्टि की जाएगी। शासकीय अधिवक्ता रोस्टर के अनुसार विधि अधिकारियों को प्रति शपथ पत्र दायर करने को नामित करेंगे। हर माह विधि अधिकारियों की बैठक करनी होगी।

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