वन्य प्राणियों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में निकली साइकिल रैली, हस्ताक्षर अभियान भी चला

शुक्रवार से वन्य प्राणी सप्ताह शुक्रवार से शुरू हो गया। सीटीआर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में निदेशक धीरज पांडे ने वन्य प्राणी सप्ताह के महत्व की जानकारी दी। इसके बाद विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने हरी झंडी दिखाकर साइकिल रैली को रवाना किया।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 01 Oct 2022 10:09 AM (IST) Updated:Sat, 01 Oct 2022 10:09 AM (IST)
वन्य प्राणियों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में निकली साइकिल रैली, हस्ताक्षर अभियान भी चला
साइकिल रैली के विजेता बच्चों को सात अक्टूबर को समापन पर पुरस्कार दिया जाएगा।

संवाद सहयोगी, रामनगर : वन्य प्राणियों व पर्यावरण के प्रति संरक्षण की भावना जागृत करने के लिए शुक्रवार से वन्य प्राणी सप्ताह (wildlife week) शुक्रवार से शुरू हो गया। पहले दिन 15 किलोमीटर तक साइकिल रैली (Bicycle rally) से कार्यक्रम का आगाज हुआ। संकल्प बैनर पर हस्ताक्षर कर लोगों ने वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी जताई। साइकिल रैली के विजेता बच्चों को सात अक्टूबर को समापन पर पुरस्कार दिया जाएगा।

पॉलीथिन बंद करने के लिए किया जागरूक

शनिवार को सीटीआर परिसर (Corbett tiger reserve campus) में आयोजित कार्यक्रम में निदेशक धीरज पांडे ने वन्य प्राणी सप्ताह के महत्व (importance of wildlife week) की जानकारी दी। इसके बाद विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने हरी झंडी दिखाकर साइकिल रैली को रवाना किया। साइकिल रैली में कार्बेट कर्मचारी, वन्य जीव प्रेमी व बच्चों ने भी भाग लिया। रैली में शामिल लोग व बच्चे स्लोगन के जरिए पेड़ न काटने, पॉलीथिन बन्द करने, वन्य जीवों की सुरक्षा के स्लोगन लिखकर लाए थे।

15 किमी की साइकिल रैली भी निकाली

इसके बाद सीटीआर परिसर से 15 किलोमीटर दूर ढेला तक साइकिल रैली निकली। कॉर्बेट फाउंडेशन की एंबुलेंस मेडिकल टीम के साथ प्रतियोगिता के दौरान मौजूद रही। इस दौरान बिजरानी रेंजर बिंदर पाल, उपनिदेशक नीरज शर्मा, एसडीओ अमित गवासकोटी मौजूद रहे।

इसलिए मनाते हैं वन्य जीव सप्ताह

भारत में वन्य जीवन सप्ताह 1 अक्टूबर से 7 अक्टूबर के बीच मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्​देश्य वन्य जीवों के जीवन को बढ़ावा देना है। वन्य जीव भी हमारी पारिस्थितिकी का अंग है। इनका जीवन मानव जीवन के लिए जरूरी है। प्रकृति में इनकी वजह से संतुलन बना रहता है। इसी उद्​देश्य से वर्ष 1952 में वन्यजीव सप्ताह की परिकल्पना की गई, ताकि लोगों में जागरूकता पैदा की जा सके और महत्वपूर्ण कार्यवाही के माध्यम से वन्यजीवों के जीवन की रक्षा की जा सके।

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