एडीबी के करोड़ों के प्रोजेक्‍ट से बनी पेयजल लाइनाें में सामने आया भ्रष्‍टाचार

एशियन डेवलपमेंट बैंक से वित्त पोषित करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनी पेयजल लाइनों से पानी के साथ भ्रष्टïाचार की सप्लाई हो रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 10:55 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 06:22 PM (IST)
एडीबी के करोड़ों के प्रोजेक्‍ट से बनी पेयजल लाइनाें में सामने आया भ्रष्‍टाचार
एडीबी के करोड़ों के प्रोजेक्‍ट से बनी पेयजल लाइनाें में सामने आया भ्रष्‍टाचार

नैनीताल, जेएनएन : एशियन डेवलपमेंट बैंक से वित्त पोषित करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनी पेयजल लाइनों से पानी के साथ भ्रष्टïाचार की सप्लाई हो रही है। लाइनों में लीकेज की वजह से उपभोक्ताओं के घरों में गंदा पानी पहुंच रहा है। इससे बीमारियां फैलने की संभावना लगातार बढ़ती जा रही है।

एडीबी की ओर से नैनीताल में पंप हाउस निर्माण, पेयजल टैंक निर्माण, वितरण पाइप लाइन, पेयजल की खपत से संबंधित मीटर लगाने आदि पर करीब 50 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट मंजूर किया गया। पिछले साल एडीबी ने जल संस्थान को पेयजल लाइन समेत अन्य कार्य हस्तांतरित कर दिए। दावा किया था कि अब नैनीताल में पानी की सप्लाई बेरोकटोक होगी तो बर्बादी भी नहीं हो सकेगी। लाइनों में लीकेज हीं नहीं होगा, लेकिन आए दिन शहर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सप्लाई को लेकर शिकायत मिल रही हैं तो दूषित पानी घरों तक पहुंचने के एक सप्ताह में ही तीन मामले सामने आ गए हैं। रविवार को पुरानी चुंगी हल्द्वानी रोड, माल रोड, कमलासन कंपाउंड समेत तमाम मोहल्लों में नलों से गंदे पानी की सप्लाई हुई।

जनरेटर खराब होने से बचाने को खर्च हो रहा 40 लीटर तेल

एडीबी के प्रोजेक्ट के अंतर्गत नैनीताल में बिजली गुल होने पर मल्लीताल पंप हाउस के समीप करीब छह करोड़ की लागत से चार जनरेटर स्थापित किए गए हैं। जो क्रमश: 625 किलोवाट, 380 किलोवाट, ढाई सौ व 160 किलोवाट के हैं, लेकिन यह शोपीस बने हैं। यह जनरेटर खराब ना हों, इसलिए जल संस्थान द्वारा मात्र इन्हें दस मिनट तक चलाया जा रहा है। खाली कलपुर्जों को जंक से बचाने के लिए जनरेटर को चलाने पर ही सप्ताह में 40 लीटर तेल खर्च करना पड़ रहा है, जबकि जल संस्थान की ओर से इन जनरेटरों के संचालन के लिए प्रस्ताव भेजा है, जिसमें एक दिन इन्हें चलाने के लिए डेढ़ लाख बजट की जरूरत बताते हुए उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है।

आरओ सिस्टम से बर्बाद हो रहा 30 फीसद पानी

एडीबी की ओर से शहर के उपभोक्ताओं को आरओ का पानी सप्लाई करने के लिए करीब पांच करोड़ का सिस्टम लगाया गया है। स्थिति यह है कि यदि आरओ का सिस्टम चलाया जाता है तो उसमें से 30 फीसद पानी बर्बाद होता है। इसके अलावा जिस सूखाताल को नैनी झील का कैचमेंट माना जाता हैं, वहां भी पंप हाउस बना दिया।

एडीबी प्रोजेक्ट एक नजर में

परियोजना लागत                              करीब 46 करोड़

पेयजल वितरण लाइनों का निर्माण       करीब सौ किमी

शहर में पेयजल सप्लाई टैंक निर्माण      22

स्टील टैंक दस, आरसीसी टैंक              12

मामले की कराई जाएगी जांच

राजीव रौतेला, मंडलायुक्त व सचिव मुख्यमंत्री ने बताया कि एडीबी प्रोजेक्ट की खामियों को लेकर शिकायत का परीक्षण किया जाएगा। गंदे पानी की सप्लाई ना हो, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा।

यह भ्‍ाी पढ़ें : सावधान! रामनगर के इस इलाके में घूम रही है बाघिन, घर से न निकलें अकेले

यह भी पढ़ें : पुलिस इन दिनों हिस्ट्रीशीटरों व बदमाशों की कमाई का जरिया पता करने में जुटी

chat bot
आपका साथी