पुनरीक्षित वेतनमान न देने पर हाई कोर्ट सख्त

हाई कोर्ट ने आदेशों का पालन न करने के मामले में उत्तराखंड व यूपी के प्रमुख सचिव स्वस्थ एवं परिवार कल्याण व प्रमुख सचिव वित्त को अवमानना नोटिस जारी की है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 09 Jan 2018 05:25 PM (IST) Updated:Tue, 09 Jan 2018 10:47 PM (IST)
पुनरीक्षित वेतनमान न देने पर हाई कोर्ट सख्त
पुनरीक्षित वेतनमान न देने पर हाई कोर्ट सख्त

नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने अदालत के आदेश के बाद भी याचिकाकर्ताओं को पुनरीक्षित वेतनमान नहीं देने के मामले में सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व प्रमुख सचिव वित्त को अवमानना नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई छह मार्च नियत की गई है।

मंगलवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एकलपीठ के समक्ष बागेश्वर निवासी पान सिंह, लोकमणि पाठक व भवानी दत्त जोशी की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के अनुसार वह 2010 में उत्तराखंड में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पद से रिटायर हुए थे। उनका पहली जनवरी 1995 से 30 जून 2010 तक का वास्तविक पुनरीक्षित वेतनमान नहीं दिया गया। यहां तक की उनकी पेंशन का पुन: निर्धारण ही किया गया।

अवमानना याचिका में कहा गया था कि हाई कोर्ट ने 11 अप्रैल, 31 जुलाई व छह सितंबर 2017 को आदेश पारित करते हुए विभागीय अधिकारियों को दस सप्ताह के भीतर पुनरीक्षित वेतनमान व पेंशन का लाभ सुनिश्चित करने के आदेश पारित किए थे, लेकिन पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व प्रमुख सचिव वित्त को अवमानना नोटिस जारी किया है।

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