coronavirus : सिविल इंजीनियर नौकरी की आय और जेब खर्च से बांट रहे हैं राहत सामग्री

कोरोना वायरस से जंग के बीच विषम परिस्थितियों में कुछ लोग उम्मीद की किरण बनकर उभर रहे हैं। खुद का रोजगार बंद होने के बावजूद कोटाबाग के कुछ युवा दूसरों के लिए कोरोना वारियर्स की भूमि

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 03 Apr 2020 10:36 AM (IST) Updated:Fri, 03 Apr 2020 10:36 AM (IST)
coronavirus : सिविल इंजीनियर नौकरी की आय और जेब खर्च से बांट रहे हैं राहत सामग्री
coronavirus : सिविल इंजीनियर नौकरी की आय और जेब खर्च से बांट रहे हैं राहत सामग्री

भानु जोशी, हल्द्वानी : कोरोना वायरस से जंग के बीच विषम परिस्थितियों में कुछ लोग उम्मीद की किरण बनकर उभर रहे हैं। खुद का रोजगार बंद होने के बावजूद कोटाबाग के कुछ युवा दूसरों के लिए कोरोना वारियर्स की भूमिका में खड़े हैं। पेशे से सिविल-मैकेनिकल इंजीनियर युवाओं ने कॉलेजों के छात्रों व समाजसेवियों के साथ मिलकर मलिन बस्तियों तक राहत सामग्री पहुंचाने का जिम्मा उठाया है।  

कोरोना के खतरे ने गरीब एवं मजदूर वर्ग के सामने सबसे बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। ऐसे वक्त में सर्वाधिक जरूरतमंद भी यही वर्ग है। कोटाबाग के युवा इसी मुश्किल घड़ी में बड़ा सहारा बने हैं। ऐसा नहीं है कि इन युवाओं को सरकार या किसी संस्था से आर्थिक मदद मिल रही है। बल्कि लॉकडाउन के चलते इन युवाओं का रोजगार भी ठप है और सभी अपने घरों में ही हैं। आय का कोई बड़ा जरिया भी नहीं है। लेकिन अपनी कमाई और जेब खर्च को मिलाकर जरूरतमंदों के लिए राशन व अन्य जरूरत का सामान जुटाने का इनका जज्बा गजब का है।

मूल रूप से कोटाबाग निवासी सिविल इंजीनियर राहुल पंत, मैकेनिकल इंजीनियर युगल जोशी ने बीएड छात्र गौरव जोशी, प्रदीप छिमवाल, शुभम पांडे व सामाजिक कार्यकर्ता नवीन पांडे के साथ मिलकर 'हेल्प टीम' नाम का ग्रुप बनाया है। लॉकडाउन के बाद से ये टीम ब्लॉक मुख्यालय के पास की मलिन बस्तियों में राहत सामग्री पहुंचा रही है। गरीब और जरूरतमंद परिवारों को प्रतिदिन दाल, चावल, रोटी, सब्जी आदि उपलब्ध करा रहे हैं।

देहरादून और रुद्रपुर में करते हैं नौकरी

कोटाबाग के राहुल देहरादून की एक कंपनी में सिविल इंजीनियर हैं। जबकि युगल रुद्रपुर की अशोक लीलैंड कंपनी में मैकेनिकल इंजीनियर हैं। इसके अलावा शुभम रुड़की से बीएससी, प्रदीप और योगेश रामनगर डिग्री कॉलेज से बीएड कर रहे हैं। राहुल व युगल कहते हैं कि इस वक्त सभी को किसी न किसी रूप में जरूरतमंदों के लिए खड़ा होना चाहिए। यही हमारी देश की पहचान है और अभिमान भी।

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