जलता हुआ चीड़ का पेड़ गिरने से आठ घंटे बंद रहा अस्कोट- कर्णप्रयाग मार्ग, ठंड में ठिठुरे यात्री

थल-बेरीनाग के मध्य हजेती के जंगल में लगी आग से सुलग रहा एक चीड़ का विशाल पेड़ रविवार देर रात अस्कोट-कर्णप्रयाग मार्ग पर गिर गया जिससे मार्ग पर आठ घंटे यातायात बंद रहा। सोमवार तड़के से इस मार्ग पर यातायात शुरू हो पाता है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2020 04:21 PM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2020 04:21 PM (IST)
जलता हुआ चीड़ का पेड़ गिरने से आठ घंटे बंद रहा अस्कोट- कर्णप्रयाग मार्ग, ठंड में ठिठुरे यात्री
रविवार रात्रि 12 बजे हवा चलने के कारण एक चीड़ का पेड़ अस्कोट- कर्णप्रयाग मार्ग पर गिर गया।

जागरण संवाददाता, थल ( पिथौरागढ़) : थल-बेरीनाग के मध्य हजेती के जंगल में लगी आग से सुलग रहा एक चीड़ का विशाल पेड़ रविवार देर रात अस्कोट-कर्णप्रयाग मार्ग पर गिर गया, जिससे मार्ग पर आठ घंटे यातायात बंद रहा। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। सोमवार सुबह सैकड़ों वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिससे राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

हजेती के जंगल में बीते दिनों आग लगी थी। इस दौरान जंगल में दो से तीन हेक्टेयर जंगल जला था। इस दौरान कई चीड़ के पेड़ों की जड़ में भी अभी आग सुलग रही थी। रविवार रात्रि 12 बजे हवा चलने के कारण एक विशाल चीड़ का पेड़ अस्कोट- कर्णप्रयाग मार्ग पर हेजती के पास गिर गया। रात होने की वजह से मार्ग पर यातायात न होने से हादसा टल गया। सोमवार तड़के से इस मार्ग पर यातायात शुरू हो पाता है। जहां चार बजे सुबह से थल, बेरीनाग और पांखू से वाहन हजेती के पास पहुंचे तो सड़क पर पेड़ गिरा मिला। जैसे -जैसे समय बढ़ता गया वाहनों की कतार लगने लगी। अस्कोट -कर्णप्रयाग मार्ग जिले के व्यस्ततम मार्गो में शामिल है। मुनस्यारी, धारचूला, तल्ला जोहार, थल, डीडीहाट , मुवानी से अल्मोड़ा, हल्द्वानी आने जाने वाले वाहन इसी मार्ग से चलते हैं। बेरीनाग से जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ के लिए भी इसी मार्ग से आवाजाही होती है। जिसके चलते मार्ग में दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई। सुबह चार बजे से छह बजे तक पहुंचे वाहनों की सवारियां ठंड में ठिठुरती रही। सूचना पर पूर्वाह्न 11 बजे बेरीनाग थाने के थानाध्यक्ष सुनील जोशी पुलिस दल बल के साथ हजेती बर्षायत के लाल घाटी के पास पहुंचे। पुलिस द्वारा पेड़ काट कर हटाया गया। दोपहर बारह बजे के आसपास मार्ग यातायात के लिए खुला। तब जाकर फंसे वाहन निकल सके।

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