छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट में एक और पीआइएल, 30 सितंबर को अलगी सुनवाई

हाई कोर्ट ने समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला मामले में एक और दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली तिथि 30 सितंबर नियत की है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 10:46 AM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 10:46 AM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट में एक और पीआइएल, 30 सितंबर को अलगी सुनवाई
छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट में एक और पीआइएल, 30 सितंबर को अलगी सुनवाई

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला मामले में एक और दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली तिथि 30 सितंबर नियत की है। 

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में देहरादून निवासी सुभाष नौटियाल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि विकास नगर तहसील के जौनसार भाबर क्षेत्र में रहने वाले लोग देश-प्रदेश और राष्टï्रीयकृत बैंकों में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं। आरोप लगाया है कि इस क्षेत्र के अफसरों ने बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर उनके प्रमाण पत्रों में हेराफेरी की और छात्रवृत्ति का लाभ पहुंचाया। याचिकाकर्ता के अनुसार जब इसका पता चला तो इसकी शिकायत एसआइटी के जांच अधिकारी टीसी मंजूनाथ से की मगर आरोपितों के उच्च पदों में होने की वजह से उनकी जांच नहीं की कई। खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले की समस्त याचिकाओं पर सुनवाई 30 सितंबर को होगी और एसआइटी के दोनों अध्यक्षों से जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

समाज कल्‍याण विभाग के अधिकारी की गिरफ्तारी से रोक हटी

पिछले दिनों हाईकोर्ट ने छात्रवृत्ति घोटाला मामले में सुनवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग के अधिकारी गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी से रोक हटा दी है। साथ ही राष्ट्रीय जनजाति आयोग के गिरफ्तारी पर रोक से संबंधि आदेश को निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट ने नौटियाल पर न्यायिक कार्यों को प्रभावित करने पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है, जो उनको दो सप्ताह में जमा करना है। पूर्व में छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी व वर्तमान संयुक्त निदेशक समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और दोनों ही कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। जिसके बाद नौटियाल पर एसआईटी ने एफआईआर दर्ज की।  जिसके बाद  नौटियाल ने एससी-एसटी आयोग में अपना उत्पीड़न होने का मामला दर्ज कराया और कहा कि एसआईटी उनका पूछताछ के नाम पर उत्पीड़न कर रही है। जिसके बाद आयोग ने नौटियाल पर कार्रवाई न करने के आदेश दिए।

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