उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पहली बार वरिष्ठ न्यायिक अफसर को जबरन किया रिटायर
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पहली बार कामकाज में लेटलतीफी समेत अन्य वजहों से एक वरिष्ठ न्यायिक अफसर को 50 साल की आयु में जबरन सेवानिवृत्ति दे दी ।
नैनीताल, किशोर जोशी : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पहली बार कामकाज में लेटलतीफी समेत अन्य वजहों से एक वरिष्ठ न्यायिक अफसर को 50 साल की आयु में जबरन सेवानिवृत्ति दे दी । हाई कोर्ट की स्थापना के बाद किसी वरिष्ठ न्यायिक अफसर को जबरन रिटायर करने का यह पहला मामला है।
भारत सरकार ने देश ने अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों के 50 साल, 55 साल व 58 साल में कामकाज का आकलन करते हुए जबरन रिटायर करने का फार्मूला निकाला है। इसके तहत अब तक तमाम अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों को रिटायर किया जा चुका है। कामकाज के आकलन में अफसर की कार्यप्रणाली समेत अन्य परफार्मेंस का फीडबैक लिया जाता है। हाल ही में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी राज्य में यह व्यवस्था लागू की। जिसके बाद इसका शासनादेश जारी कर दिया गया।
इधर हाई कोर्ट ने भी अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अफसरों के कामकाज का आकलन शुरू कर दिया है। इसके तहत तमाम स्तरों से फीडबैक जुटाया जा रहा है। इसमें भ्रष्टाचार के साथ ही कामकाज में पारदर्शिता, अदालती आदेशों की डिलीवरी समेत कई अन्य मानकों का आकलन किया जाता है। हाई कोर्ट प्रशासन की ओर से तमाम स्तरों से कामकाज के आकलन के बाद देहरादून की स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष राजीव कुमार को जबरन रिटायर करने की सिफारिश शासन को भेजी गई। शासन द्वारा राज्यपाल को यह मामला रेफर कर दिया गया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से रिटायरमेंट का आदेश जारी कर दिया।
यह कहा गया है आदेश में
12 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली-2004 (यथा संशोधित-2016) के नियम-25 क में उल्लेखित व्यवस्था के आधार पर राज्यपाल द्वारा लोकहित में स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष राजीव कुमार 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनकी आयु 50 साल है। तीन माह की अवधि के लिए उसी दर पर अपने वेतन व भत्ते की धनराशि के बराबर पाने के हकदार होंगे। रजिस्ट्रार जनरल एचएस बोनाल ने रिटायरमेंट का आदेश जारी होने की पुष्टि की है। राजीव कुमार 2003 बैच के न्यायिक अधिकारी हैं और रुड़की, हरिद्वार के निवासी हैं।
यह भी पढ़ें : पिथौरागढ़ के कुसौली गांव को मिलेगा पं.दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार
यह भी पढ़ें : इनसे सीखें इन्सानियत, बुजुर्गों ने कहा-हमारा श्राद्ध कर्म आदि कर्मकांडों की जगह गरीबों की सेवा कीजिएगा