छात्रावास में रहने वाली छात्राओं से वार्डन मांगती थी सेनेटरी नैपकिन के पैसे

कस्तूरबा गांधी विद्यालय अकबरपुर ऊद के छात्रावास में रहने वाली अंतवासी छात्राओं से वार्डन सेनेटरी नैपकिन दवा और दूध के लिए पैसों की मांग करती है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 03 Oct 2019 05:18 PM (IST) Updated:Thu, 03 Oct 2019 05:18 PM (IST)
छात्रावास में रहने वाली छात्राओं से वार्डन मांगती थी सेनेटरी नैपकिन के पैसे
छात्रावास में रहने वाली छात्राओं से वार्डन मांगती थी सेनेटरी नैपकिन के पैसे

हरिद्वार, जेएनएन। बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ व स्वच्छता अभियान की आवाज कस्तूरबा गांधी विद्यालय अकबरपुर ऊद के छात्रावास की वार्डन के कानों तक नहीं पहुंची। छात्रावास में रहने वाली अंत:वासी छात्राओं से सेनेटरी नैपकिन, दवा और दूध के लिए पैसों की मांग की जाती है। इतना ही नहीं उन्हें अपने बिस्तर पर बिछाने और ओढ़ने को घर से चादर लाने को कहा जाता है। कंप्यूटर और पंखा खराब है पर, उसे ठीक कराने की सुध किसी को नहीं। मामले का खुलासा पिछले दिनों समग्र शिक्षा अभियान के उप निदेशक और हरिद्वार प्रभारी आकाश सारास्वत के निरीक्षण के दौरान हुआ, जब छात्रावास की छात्राओं ने चुपके से उन्हें कापी के पन्ने लिखकर शिकायत सौंपी।

उप निदेशक के सामान्य निरीक्षण में मामला पकड़ में आया तो आनन-फानन में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम से छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण करा मामले को रफा-दफा कराने की कोशिशें शुरू कर दी गईं। आरोप है कि आरबीएसके की टीम ने छात्रावास प्रबंधन से मिलीभगत कर मन-मुताबिक तैयार की गई रिपोर्ट को सत्यापित कर दिया गया। आरबीएसके की टीम के हवाले से छात्रावास की वार्डन अंजूबाला अग्रवाल ने अपनी जो रिपोर्ट आरबीएसके के जिला प्रभारी को भेजी हैं, उसमें छह छात्राओं को उच्चतर इलाज के लिए जिला अस्पताल (हरमिलाप) हरिद्वार रेफर किए जाने की बात कही गई हैं, जबकि उसी रिपोर्ट में इससे संबंधित छात्राओं के जो नाम दिए गए हैं, उसमें उनकी संख्या आठ है। इससे साफ जाहिर है कि छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति का खेल खेला गया है और कागजों पर इसकी रिपोर्ट तैयार कर आगे सरका दी गई है। छात्राएं लंबे समय से बीमार हैं पर, उनके इलाज को छात्रावास प्रबंधन अभी तक कोई समुचित व्यवस्था नहीं की, जब उप निदेशक के निरीक्षण में मामला प्रकाश में आया तो बजाए इस पर गंभीरता बरतने को उस पर लीपापोती की जा रही है। 

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आकाश सारास्वत (उप निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान, प्रभारी हरिद्वार) का कहना है कि निरीक्षण के दौरान छात्रावास की अंत:वासी छात्राओं ने चुपके से लिखित शिकायत कर जानकारी दी कि वार्डन अंजू बाला उनसे सेनेटरी नैपकिन, दवा व दूध के पैसे मांगती हैं। मामले में संबंधित वार्डन को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं, साथ रिपोर्ट भेज उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया जा रहा है।

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