बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में नोएडा का प्रोफेसर हिरासत में, पढ़िए पूरी खबर

बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने नोएडा की एक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को हिरासत में लिया है। प्रोफेसर ने कुछ साल पहले ही कॉलेज बेच दिया था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 04 Oct 2019 10:25 AM (IST) Updated:Fri, 04 Oct 2019 10:25 AM (IST)
बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में नोएडा का प्रोफेसर हिरासत में, पढ़िए पूरी खबर
बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में नोएडा का प्रोफेसर हिरासत में, पढ़िए पूरी खबर

हरिद्वार, जेएनएन। बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने नोएडा की एक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को हिरासत में लिया है। प्रोफेसर पर आरोप है कि उसने हरिद्वार के मंगलौर में निजी कॉलेज चलाने के दौरान समाज कल्याण विभाग से करीब 1.33 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति ली थी। इनमें अधिकांश छात्र फर्जी पाए गए हैं। प्रोफेसर ने कुछ साल पहले ही कॉलेज बेच दिया था। 

हरिद्वार और देहरादून जनपद में वर्ष 2012 से 2016 के बीच छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया है। एसआइटी अभी तक 12 कॉलेजों के 14 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक रहे अनुराग शंखधर को भी गिरफ्तार किया गया है। विभाग के मौजूदा संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। इसी कड़ी में एसआइटी ने हरिद्वार के मंगलौर स्थित आइडीईएएल बिजनेस कॉलेज की कुंडली खंगाली तो पता चला कि वर्ष 2013-14 में एससी, एसटी छात्रों के नाम से करीब 1.33 करोड़ की छात्रवृत्ति ली गई।

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एसआइटी ने छात्रवृत्ति लेने वाले छात्रों का भौतिक सत्यापन किया तो बड़ी संख्या में छात्र फर्जी निकले। जांच में यह भी पता चला कि कॉलेज चलाने वाले प्रोफेसर ने कुछ साल पहले ही कॉलेज बेच दिया है। इन दिनों वह सेक्टर 125 नोएडा की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। एसआइटी की रिपोर्ट पर कोर्ट ने प्रोफेसर के गैर जमानती वारंट जारी किए थे। गुरुवार को एसआइटी ने प्रोफेसर को हिरासत में ले लिया। देर रात तक उससे पूछताछ चल रही थी। एसआइटी प्रमुख मंजूनाथ टीसी ने बताया कि आरोपित से पूछताछ की जा रही है।

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