सिरफिरे ने छात्रों से भरी बस को किया हाइजैक, प्रधानाचार्य पर चाकू से बोला हमला

पब्लिक स्कूल की छात्रों से भरी बस को एक सिरफिरे ने हाईजैक कर लिया। विरोध करने पर चालक को बस से बाहर फेंक दिया।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 21 Sep 2019 05:55 PM (IST) Updated:Sat, 21 Sep 2019 08:19 PM (IST)
सिरफिरे ने छात्रों से भरी बस को किया हाइजैक, प्रधानाचार्य पर चाकू से बोला हमला
सिरफिरे ने छात्रों से भरी बस को किया हाइजैक, प्रधानाचार्य पर चाकू से बोला हमला

भगवानपुर, जेएनएन। भगवानपुर क्षेत्र के एक पब्लिक स्कूल की छात्रों से भरी बस को एक सिरफिरे ने हाईजैक कर लिया। विरोध करने पर चालक को बस से बाहर फेंक दिया। आरोपित बस को लेकर स्कूल में घुस गया और प्रधानाचार्य पर चाकू से हमला किया। असफल होने पर स्कूल की छत पर चढ़कर उत्पात मचाया। पुलिस ने किसी तरह से उसपर काबू पाया। 

दरअसल, भगवानपुर के शेरपुर गांव में ग्राफिक पब्लिक स्कूल है। इसमें उप्र के कई गांव के छात्र पढ़ने आते हैं। शनिवार को स्कूल की बस करीब 40 छात्रों को लेकर ग्राम गडोला, थाना गागलहेडी, जिला सहारनपुर, उप्र से होते हुए स्कूल आ रही थी। गडोला गांव के पास एक व्यक्ति ने बस को रुकवा लिया। बस के रुकते ही आरोपित ने चालक को पीटकर बस से बाहर फेंक दिया। इसके बाद बस को उसने तेज गति से दौड़ा दिया। इस दौरान बस में मौजूद स्कूली छात्र चीखते चिल्लाते रहे लेकिन उसने कोई ध्यान नहीं दिया। आरोपित बस को लेकर स्कूल में घुस गया। 

यहां कोई कुछ समझ पाता आरोपित ने स्कूल के प्रधानाचार्य पर चाकू तान दिया और इसके बाद स्कूल की छत पर चढ़ गया। मामले की सूचना स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को दी। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी संजीव थपलियाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्कूल की छत पर चढ़े सिरफिरे पर काबू पाया। पूछताछ में उसकी पहचान संदीप कुमार निवासी ग्राम आभा थाना गागलहेड़ी, जिला सहारनपुर उप्र बताया। थाना प्रभारी संजीव थपलियाल ने बताया कि स्कूल प्रधानाचार्य विवेक त्यागी ने पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने संदीप कुमार पर चाकू रखने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

स्कूल में बच्चे की नहीं दे पाया एक साल की फीस 

पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपित मानसिक तनाव में था। एक साल पहले उसकी पत्नी की मौत हो गई थी। संदीप कुमार का बेटा ग्राफिक पब्लिक स्कूल में ही कक्षा तीन का छात्र है। पुलिस ने बताया कि एक साल से पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते वह बेटे की फीस जमा नहीं कर पा रहा था। स्कूल के शिक्षक बार बार उसके बेटे और उसे फोन कर फीस जमा कराने को बोल रहे थे। करीब एक माह से बेटा भी स्कूल में नहीं जा रहा था, जिसके चलते वह मानसिक दबाव में था। आशंका जताई जा रही है कि दबाव के चलते उसने इस तरह का कदम उठाया।

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