स्वीडन के राजा व रानी की मौजूदगी में हरिद्वार में शुरू हुआ देश का पहला हाइब्रिड एम्युनिटि एसटीपी

स्वीडन के राजा व रानी की मौजूदगी में हरिद्वार में 41.40 करोड़ की लागत से बने 14 एमएलडी क्षमता वाले हाइब्रिड एम्युनिटि एसटीपी ने काम करना शुरू कर दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 07:04 PM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 09:03 PM (IST)
स्वीडन के राजा व रानी की मौजूदगी में हरिद्वार में शुरू हुआ देश का पहला हाइब्रिड एम्युनिटि एसटीपी
स्वीडन के राजा व रानी की मौजूदगी में हरिद्वार में शुरू हुआ देश का पहला हाइब्रिड एम्युनिटि एसटीपी

हरिद्वार, जेएनएन। केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे के तहत हरिद्वार में 41.40 करोड़ की लागत से बने 14 एमएलडी क्षमता वाले हाइब्रिड एम्युनिटि एसटीपी (सीवरेज शोधन संयंत्र, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) ने काम करना शुरू कर दिया है।

गुरुवार को देश के इस पहले एसटीपी का स्वीडन के 16वें राजा कार्ल गुस्ताफ व रानी सिल्विया की मौजूदगी में लोकार्पण किया गया। इस मौके पर कार्ल गुस्ताफ ने गंगा की निर्मलता को हो रहे प्रयासों की सराहना करते हुए पर्यावरण रक्षा के लिए स्वीडन की ओर से निरंतर सहयोग की बात कही। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गंगा को भारत की आत्मा बताते हुए उसकी निर्मलता का संकल्प दोहराया। उन्होंने शाही परिवार समेत सभी अतिथियों को रुद्राक्ष का पौधा भी भेंट किया। इस दौरान अतिथियों ने एसटीपी और नमामि गंगे-पर्यटन विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का निरीक्षण भी किया।

हाइब्रिड एम्युनिटि एसटीपी का शुभारंभ स्वीडन के राजा कार्ल गुस्ताफ व रानी सिल्विया, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संयुक्त रूप से किया। अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि गंगा के किनारे ही भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का उदय हुआ है। यही वजह है कि भारतीयों के लिए गंगा सिर्फ एक नदी न होकर देश की आत्मा, विश्वास और धार्मिक आस्था का प्रतीक है।

इसकी निर्मलता, अविरलता और शुद्धता हमारा संकल्प है और इसके लिए हम पूरी दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं। कहा कि 14 एमएलडी का यह एसटीपी प्लांट हरिद्वार की अगले 15 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। जरूरत पडऩे पर इसका विस्तार भी किया जा सकता है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे परियोजना सरकार और जनता के संकल्प एवं समर्पण को परिलक्षित करती है। उन्होंने गंगा जल के प्रदूषित होने की मुख्य वजह खेती-किसानी में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे रसायन और रसायनिक उर्वरकों को बताया। साथ ही सभी का नदी पर्यावरण और आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्लास्टिक-पॉलीथिन का इस्तेमाल त्यागने का आह्वान किया।

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सीएम ने स्वास्थ्य रक्षा के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक-पॉलीथिन के इस्तेमाल को पूरी तरह प्रतिबंधित किए जाने की वकालत भी की। इससे पूर्व, नमामि गंगे परियोजना की संचालक संस्था राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र ने परियोजना के उद्देश्य, लक्ष्य, खर्च और उपलब्धि की विस्तार से जानकारी दी।

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