Forest guard recruitment Exam: एक कंट्रोल रूम बना पूरे उत्तराखंड में कराई गई नकल, ऐसे बनाई गई थी योजना
वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में नकल कराने के लिए गिरोह ने अपना अलग कंट्रोल रूम सलेमपुर में बनाया था। इस कंट्रोल रूम में पेपर हल करने के लिए छह से आठ विशेषज्ञ लगाए गए थे।
रुड़की, केके शर्मा। वन आरक्षी भर्ती परीक्षा को सही तरीके से संपन्न कराने के लिए शासन और प्रशासन ने जगह-जगह कंट्रोल रूम बनाए थे। परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए अधिकारियों की फौज भी खड़ी थी, लेकिन इन सबके बीच गिरोह ने नकल कराने के लिए अपना अलग कंट्रोल रूम सलेमपुर में बनाया था। इस कंट्रोल रूम में पेपर हल करने के लिए छह से आठ विशेषज्ञ लगाए गए थे। यहीं से प्रदेश के कई परीक्षा केंद्रों में एक साथ नकल कराई गई थी।
रुड़की में कक्ष निरीक्षक के व्हॉट्सऐप पर पेपर लीक कराने की बात सामने आने से प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है। आरोपितों से की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं। ओजस कोचिंग सेंटर के संचालक मुकेश सैनी ने वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में नकल कराने के लिए फुलप्रुफ प्लान बनाया था। पहले तो परीक्षा से एक माह पहले ब्लूटूथ डिवाइस, कई मोबाइल फोन और कई प्री एक्टिवेट सिम खरीदे गए। इसके बाद नकल कराने के लिए पूरा गिरोह खड़ा किया गया। परीक्षा के दिन प्रदेश के कई केंद्रों में अभ्यर्थियों को एक साथ नकल कराने के लिए ग्लोबल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन फैक्ट्री सलेमपुर के एक कमरे में कंट्रोल रूम बनाया था।
कक्ष निरीक्षक के पेपर लीक करने के बाद यहां छह से आठ विशेषज्ञों की टीम ने पेपर हल किया था। इसके बाद यहां से ब्लूटूथ डिवाइस और मोबाइल के माध्यम से नकल कराई गई। एसएसपी डी. सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने बताया कि कितने अभ्यर्थियों को नकल कराई गई थी, इसकी जांच की जा रही है। वहीं, रुड़की में नकल कराने के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम से स्थानीय अधिकारी भी अनजान रहे। इससे उनकी सक्रियता भी सवालों के घेरे में है।
आरोपितों के बैंक खाते खंगालेगी पुलिस
कक्ष निरीक्षक को पेपर लीक करने पर लाखों का भुगतान हुआ था। सूत्रों ने बताया कि इसके एवज में उसे करीब पांच लाख की रकम मिली थी। इसके अलावा गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों को भी उनके काम के हिसाब से रकम दी गई थी। किसी को एक लाख तो किसी को 50 हजार रुपये मिले थे। हालांकि पुलिस अभी कोई ठोस जानकारी नहीं दे रही है।
बताया जा रहा है कि पुलिस अब मुख्य आरोपित मुकेश सैनी समेत अन्य आरोपितों के बैंक खाते की डिटेल जुटा रही है। साथ ही पुलिस यह भी पता लगा रही है कि किन प्रतियोगी परीक्षाओं में रचित कक्ष निरीक्षक बना था। कोचिंग संचालक मुकेश अभ्यर्थियों से नकल कराने के एवज में चार से पांच लाख रुपये लेता था। मुकेश सैनी परीक्षा में अभ्यर्थियों को 98 फीसद नंबर दिलाने का दावा करता था।
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एसएसपी ने थपथपाई एसपी की पीठ
सिविल लाइंस कोतवाली में एसएसपी ने पूरे प्रकरण में बेहतरीन प्लानिंग के लिए एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह की पीठ थपथपाई। साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों की प्रशंसा की। एसएसपी ने बताया कि पुलिस टीम को पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल की तरफ से पांच हजार और एसएसपी की तरफ से ढाई हजार का इनाम देने की घोषणा की गई है।
सिम बेचने वालों की कुंडली खंगाल रही पुलिस
नकल कराने वाले गिरोह को बिना आइडी सिम बेचने वाले आरोपितों की पुलिस कुंडली खंगाल रही है। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपित ने 80 रुपये के मिलने वाले सिम कार्ड को 200 रुपये में बेचा था। अधिक दाम मिलने पर बिना आइडी के ही सिम कार्ड एक्टिवेट करा दिए गए थे।
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