डीएम को चाबी सौंपेंगे उद्यमी

By Edited By: Publish:Sun, 31 Aug 2014 08:13 PM (IST) Updated:Sun, 31 Aug 2014 08:13 PM (IST)
डीएम को चाबी सौंपेंगे उद्यमी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: बिजली की अघोषित कटौती को लेकर उद्यमियों का सब्र का बांध टूटता जा रहा है। उद्यमियों ने ऐलान किया है कि तीन दिन में बिजली आपूर्ति सुचारु नहीं हुई तो गुरुवार को वे उद्योगों के शटरडाउन कर चाबी डीएम को सौंप देंगे। यही नहीं अगस्त का बिजली का बिल सहित अन्य टैक्स भी नहीं देंगे। यह जानकारी सिडकुल मैन्यूफैक्चर्र एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग ने पत्रकारों को दी।

रविवार को शंकर आश्रम के निकट एक होटल में बैठक के बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग ने कहा कि बिजली कटौती ने सिडकुल के उद्योगों का दम तोड़ दिया है। कई बार शिकायत करने के बाद भी बिजली कटौती में सुधार नहीं आ रहा है। हर दिन छह से लेकर आठ घंटे की कटौती और छह से अधिक बार ट्रिपिंग हो रही है। उन्होंने कहा कि बिजली कटौती सोची समझी साजिश के तहत की जा रही है। हरेंद्र गर्ग ने कहा कि सभी उद्यमियों ने निर्णय लिया है कि अगर बुधवार तीन सितंबर तक बिजली आपूर्ति सही नहीं होती है तो गुरुवार चार सितंबर को उद्यमी अपने उद्योगों को शटरडाउन कर चाबी जिलाधिकारी को सौंप देंगे।

यह भी निर्णय लिया है कि उद्यमी अगस्त का बिजली का बिल नहीं देंगे साथ ही सेल टैक्स आदि को देना भी बंद कर देंगे। इसकी लिखित सूचना भी डीएम को दी जाएगी। एसोसिएशन के महासचिव राज अरोड़ा ने कहा कि जिस तरह से बिजली कटौती की जा रही है उससे तो लगता है कि अब उद्यमियों को अपने उद्योग दूसरे राज्यों में शिफ्ट करने पड़ेंगे। बिजली कटौती की समस्या केवल बरसात में ही नहीं है, बल्कि गर्मी व सर्दी में भी जारी रहती है।

उद्यमी अनिल शर्मा ने कहा कि सिडकुल के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। अगर हालत यही रहे तो उद्योग चलाने मुश्किल हो गए है। पूरे-पूरे दिन बिजली न आने के कारण उद्योगों को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस मौके पर आशीष गुप्ता, गौतम, प्रभात कुमार, विनित धीमान सहित कई उद्यमी मौजूद थे।

जेनरेटर चलाने से बढ़ जाती है लागत

सिडकुल में प्रति दिन 20 लाख यूनिट बिजली की खपत होती है। महीने में 50 से 60 मिलियन यूनिट बिजली सिडकुल की इकाइयों में प्रयोग होती है। उद्यमियों की मानें तो जनरेटर से प्राप्त बिजली उन्हें 18 रुपये प्रति यूनिट पड़ती है। ऊर्जा निगम से पांच रुपये की दर से बिजली मिल रही है। आमतौर पर एक इकाई अगर एक दिन में 16 से 17 हजार रुपये की बिजली खपत करती है, अगर पूरे दिन जेनरेटर प्रयोग किया जाए। तो इकाई का बिजली पर खर्च एकदम तिगुना हो जाता है। सिडकुल से प्रति माह 36 करोड़ रुपये ऊर्जा निगम को बिजली के बिल के रूप में मिलता है।

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