दूसरे राज्‍यों से हरिद्वार पहुंचे प्रवासियों के बारे में प्रशासन को नहीं जानकारी

हरिद्वार पहुंच रहे प्रवासियों की संख्या को लेकर प्रशासनिक अधिकारी एक-दूसरे के पाले पर गेंद उछाल रहे हैं। अधिकारी प्रवासियों की सही संख्या को लेकर अंजान बने हुए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 16 May 2020 07:43 PM (IST) Updated:Sat, 16 May 2020 07:43 PM (IST)
दूसरे राज्‍यों से हरिद्वार पहुंचे प्रवासियों के बारे में प्रशासन को नहीं जानकारी
दूसरे राज्‍यों से हरिद्वार पहुंचे प्रवासियों के बारे में प्रशासन को नहीं जानकारी

हरिद्वार, जेएनएन। दूसरे राज्यों से हरिद्वार पहुंच रहे प्रवासियों की संख्या को लेकर प्रशासनिक अधिकारी एक-दूसरे के पाले पर गेंद उछाल रहे हैं। अधिकारी प्रवासियों की सही संख्या को लेकर अंजान बने हुए हैं। पांच मई के बाद कितने प्रवासी हरिद्वार पहुंचे, किस-किस माध्यम से पहुंचे, किस जिले में कितने यात्री भेजे गए, हरिद्वार में कितने यात्री हैं और उनके लिए क्या व्यवस्था की गई है, इन सवालों का अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ जंग को लेकर प्रशासन कितना गंभीर हैं, यह बड़ा सवाल है।

यह कोई आरोप नहीं, बल्कि हरिद्वार प्रशासन द्वारा कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई का कड़वा सच है। जिलाधिकारी सी रविशंकर भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। जब उनसे इन आंकड़ों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि आप की तरह मैं भी इन आंकड़ों का इंतजार कर रहा हूं। उनका कहना है कि ये आंकड़े रोजाना एकत्र होने चाहिए। हालांकि, वे ये भी कहते हैं कि यह कठिन समय है और इस तरह की गलती होना स्वभाविक है। व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को चेताया गया है।

जिला सूचना अधिकारी अर्चना के पास भी इनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। जब उनसे पांच मई से 14 मई तक हरिद्वार पहुंचे प्रवासियों की संख्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने 13 और 14 मई के आंकड़े तो उपलब्ध कराए, लेकिन पांच मई से 12 मई तक के आंकड़े उनके पास नहीं थे। नोडल अधिकारी अपर जिलाधिकारी केके मिश्र से जब आंकड़ों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने गेंद दूसरे पाले में उछाल दी।

उन्होंने कहा कि वह तो व्यवस्था समिति के अध्यक्ष हैं, प्रवासियों के आने-जाने का जिम्मा प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी अपर उप जिलाधिकारी प्रतीक जैन के पास है। जब प्रतीक जैन से इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था, इस तरह के आंकड़े रखना उनका काम नहीं है। यह काम कंट्रोल रूम प्रभारी डिप्टी कलेक्टर शैलेंद्र नेगी का है।

वहीं कंट्रोल रूम प्रभारी शैलेंद्र नेगी ने जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा कि यह काम नोडल अधिकारी प्रतीक जैन के पास ही है। बाद में बताया गया कि नोडल अधिकारी प्रतीक जैन की टीम के सदस्य खंड शिक्षा अधिकारी अजय चौधरी के पास यह जानकारी होगी। शाम चार बजे खंड शिक्षा अधिकारी अजय चौधरी से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने पहले तो इनकार कर दिया। बाद में बताया कि उनके पास केवल वही आंकड़े हैं, जो अधिकारी उन्हें देते हैं। 

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उनका कहना था कि अभी तो घर खाना खाने आया हूं, आफिस पहुंचकर ही कुछ जानकारी दे पाऊंगा और फोन करूंगा। इसके बाद न तो फोन आया और न ही आंकड़ों के बारे में जानकारी मिली। अब सवाल वहीं का वहीं है कि क्या इस तरह हम कोरोना से जंग लड़ पाएंगे।

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