प्रशासनिक संवादहीनता का झोल, श्रमिक स्पेशल से आने वाले 224 प्रवासी फिर गोल
हरिद्वार पहुंची श्रमिक एक्सप्रेस में कई प्रवासी चढ़े ही नहीं। रेलवे प्रशासन ने सूरत के 167 लोगों के लापता होने की खबर को भ्रामक बताया है।
हरिद्वार, जेएनएन। श्रमिक स्पेशल से आने वाले प्रवासियों की संख्या को लेकर फिर बड़ा झोल सामने आया है। गुरुवार को बंगलुरु (कर्नाटक) से जो स्पेशल ट्रेन पहुंची, उसमें आये प्रवासियों की संख्या पल-पल बदलती रही। आंकड़ों की बाजीगरी में 224 प्रवासी कहां गए, इसका भी नहीं पता। जो प्रशासनिक संवादहीनता को दर्शाता है। हैरत की बात यह कि सूरत से आये प्रवासियों की सही संख्या का पता भी प्रशासन 50 घंटे बाद भी नहीं लगा पाया है। दरअसल जिला प्रशासन की ओर से कुछ रोज पहले बंगलुरु से 1070 प्रवासियों के हरिद्वार आने की सूचना दी गई।
गुरुवार पूर्वाह्न बंगलुरु से प्रवासियों को लेकर जो ट्रेन पहुंची, उसमें प्रवासियों की संख्या को लेकर जिलाधिकारी ने मीडिया में करीब 1300 प्रवासियों के आने की जानकारी दी। बाद में सूचना विभाग ने जो जिलावार सूची जारी की उसमें बंगलुरु से आये प्रवासियों की संख्या 1076 बताई गई। तत्पश्चात नोडल अधिकारी प्रतीक जैन की ओर से 1077 प्रवासियों के आने की सूचना जारी की गई। इससे पहले सूरत से आई श्रमिक स्पेशल के यात्रियों को लेकर भी प्रशासन स्तर पर संवादहीनता की कमी दिखी।
जिला प्रशासन के पास सूरत से पहले 1200 और फिर 1400 प्रवासियों के आने की सूचना आई। मंगलवार देर रात 11 बजे ट्रेन के पहुंचने के बाद रेलवे स्टेशन पर हुई सामान्य स्क्रीङ्क्षनग के बाद प्रशासन ने 1177 लोगों के आने की जानकारी दी। 223 प्रवासी कहां गायब हो गए, इसका भी सही जवाब अब तक प्रशासन के पास नहीं है। हैरत की बात यह कि करीब 50 घंटे के बाद भी प्रशासन यह पता नहीं लगा पाया कि आखिर 223 प्रवासी कहां हैं। इस मामले में जानकारी के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नोडल केके मिश्रा से जानकारी चाही तो उनका कहना था कि वह इस संदर्भ में उनकी यात्रियों के व्यवस्थाओं के प्रति जिम्मेदारी हैं।
यात्रियों के नोडल एएसडीएम (आइएएस) प्रतीक जैन ने जानकारी ली गई तो कहा कि इनके पास कोई जानकारी नहीं है। सूरत प्रशासन की इस बारे सही जानकारी दे सकता है। उन्हें केवल यहां आये 1177 लोगों के आने की जानकारी है। बाकी कंट्रोल रूम के प्रभारी एएसडीएम शैलेंद्र नेगी ही दे सकते हैं। एएसडीएम शैलेंद्र नेगी से संपर्क किया गया तो बताया कि उनके पास जानकारी होने की गलत सूचना दी गई। नोडल अधिकारी प्रतीक जैन की निगरानी में खंड शिक्षा अधिकारी अजय चौधरी को यह जिम्मेदारी दी गई है। जब अजय चौधरी से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी नहीं है जो सूचना उन्हें दी जाती है वह उसे केवल संकलित करते हैं। वास्तविक संख्या का पता नहीं है।
सी रविशंकर (जिलाधिकारी, हरिद्वार) का कहना है कि सूरत से कितने यात्री ट्रेन में सवार हुए उन्हें इसकी सही जानकारी नहीं है। सूरत प्रशासन ने पहले जानकारी दी थी कि 1400 लोग आने को इच्छुक हैं। इससे सापेक्ष 1177 लोग पहुंचे। शेष 223 लोग कहां गये जब तक सूरत प्रशासन इसकी जानकारी नहीं दे देता कुछ नहीं कहा जा सकता है। सूरत प्रशासन को जानकारी देने को कहा गया है।
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एनएन सिंह (एडीआरएम, मुरादाबाद) का कहना है कि रेलवे प्रशासन के पास सूरत से ट्रेन में चढ़ने वाले यात्रियों की सही जानकारी नहीं है। यह जानकारी स्थानीय प्रशासन ही दे सकता है।
उत्पल कुमार (मुख्य सचिव, उत्तराखंड) का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। यात्री सूची की भी जांच हो रही है। यदि यात्री कहीं उतरे हैं तो इसे भी दिखवाया जाएगा।
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