चुनाव खर्च का जिम्मा भी उठाते थे घोटाले के खिलाड़ी, जानिए पूरा मामला

घोटाले में जेल गए कई खिलाड़ी जिले के एक मंत्री के चुनाव प्रबंधन का जिम्मा भी संभालते थे। चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए खिलाड़ी जमकर पैसा खर्च करते थे।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 21 May 2019 03:52 PM (IST) Updated:Tue, 21 May 2019 03:52 PM (IST)
चुनाव खर्च का जिम्मा भी उठाते थे घोटाले के खिलाड़ी, जानिए पूरा मामला
चुनाव खर्च का जिम्मा भी उठाते थे घोटाले के खिलाड़ी, जानिए पूरा मामला

हरिद्वार, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले में जेल गए कई खिलाड़ी जिले के एक मंत्री के चुनाव प्रबंधन का जिम्मा भी संभालते थे। चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए खिलाड़ी जमकर पैसा खर्च करते थे। जिसकी भरपाई उन्होंने राजनीतिक सरंक्षण मिलने पर छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये डकार कर की। नेताओं का खर्च उठाने वाले कई कॉलेज संचालक फिलहाल खुले घूम रहे हैं, लेकिन एसआइटी इन सभी की कुंडली बांचने में लगी है। 

छात्रवृत्ति घोटाले में अभी तक तीन फैक्टर सामने आए हैं। नेता, अफसर और कॉलेज संचालकों की तिकड़ी ने पूरे घोटाले को अंजाम दिया और पांच साल में सैकड़ों करोड़ की रकम हजम कर गए। प्रदेश सरकार में मंत्री रहे एक दिग्गज नेता का हाथ घोटाले के खिलाडिय़ों पर हमेशा रहा है। पड़ताल में सामने आया है कि विभागीय अधिकारी हर साल एक निश्चित रकम मंत्री जी की जेब तक पहुंचाते थे। वहीं करोड़ों में खेलने वाले कॉलेज संचालक भी मंत्री के मुरीद रहे हैं। 

हाल ही में जेल गए कुछ खिलाड़ी तो बाकायदा चुनाव में लाखों रुपये खर्च करते थे। इनमें एक कॉलेज से जुड़े साझीदार ने वर्ष 2012 में मंत्री के चुनाव प्रबंधन का जिम्मा संभाला। सत्ता में आने पर नेताओं ने इन्हें घोटाले की पूरी छूट दी। इसका फायदा यह हुआ कि किसी ने कॉलेज संचालकों या अधिकारियों की शिकायत भी की तो वह फाइलों में दबकर रह गई। ऐसी कई शिकायतों से अब पर्दा उठ रहा है। एसआइटी की जांच में कॉलेज संचालकों का राजनीतिक कनेक्शन सामने आ चुका है। यह बात अलग है कि राजनीतिक दबाव की चर्चा होने के बावजूद एसआइटी अभी तक कई रसूखदारों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। 

मंत्री की रिश्तेदार पर थी बड़ी जिम्मेदारी 

छात्रवृत्ति घोटाले में जेल गई एक कैबिनेट मंत्री की रिश्तेदार पर कई संस्थानों में अहम जिम्मेदारियां थी। वहीं एसआइटी को संस्थानों में मंत्री की हिस्सेदारी होने की जानकारी भी मिली है। एसआइटी को पता चला है कि एक बड़े शैक्षिक संस्थान में मंत्री का शेयर है। हालांकि चर्चा यह भी है कि संस्थान के असली मालिक ही दिग्गज कैबिनेट मंत्री हैं। इस बारे में एसआइटी कुछ और लोगों से पूछताछ कर सकती है। 

वहीं मंत्री की रिश्तेदार और अन्य रसूखदारों के जेल जाने से अभी तक पकड़ से बच रहे कॉलेज संचालकों की हवाई उड़ी हुई हैं। खासतौर से बहादराबाद क्षेत्र के कई कॉलेज संचालक अभी तक एसआइटी के शिकंजे से बचे हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही उन पर भी कार्रवाई होनी तय है। 

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