आयुष छात्रों की लड़ाई लड़ेगी युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ, पढ़िए पूरी खबर

फीस बढ़ोत्तरी को लेकर पिछले एक महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे आयुर्वेद कॉलेजों के छात्रों की लड़ाई अब युवा कांग्रेस व एनएसयूआइ लड़ेगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 05 Nov 2019 09:27 AM (IST) Updated:Tue, 05 Nov 2019 09:27 AM (IST)
आयुष छात्रों की लड़ाई लड़ेगी युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ, पढ़िए पूरी खबर
आयुष छात्रों की लड़ाई लड़ेगी युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। फीस बढ़ोत्तरी को लेकर पिछले एक महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे आयुर्वेद कॉलेजों के छात्रों की लड़ाई अब युवा कांग्रेस व एनएसयूआइ लड़ेगी।

कांग्रेस भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कांग्रेस केपूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी ने कहा कि आयुर्वेद कॉलेज छात्रों पर बढ़ी हुई फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि से संबद्ध आयुष शिक्षा कॉलेजों में वर्ष 2015 में जो फीस वृद्धि का शासनादेश जारी किया गया है, उसके विरोध में आयुष शिक्षा में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं लंबे समय से आंदोलनरत हैं। कॉलेज उच्च न्यायालय के फैसले को भी नहीं मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएएमएस का पाठ्यक्रम साढ़े चार वर्ष का निर्धारित है, जबकि छात्रों से पूरे पांच वर्ष का शुल्क वसूला जाता है। इन निजी आयुर्वेद कॉलेजों में से अधिकांश कॉलेज मानकों पर पूरा नहीं उतरने के बावजूद इनकी संबद्धता जारी है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने छात्रों की समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो एनएसयूआइ व युवा कांग्रेस आंदोलन करेगा। इस मौके पर पूर्व विधायक राजकुमार, गरिमा दसौनी, डॉ. प्रतिमा सिंह, मोहित उनियाल आदि उपस्थित रहे।

आयुष छात्रों ने निकाली रैली

निजी आयुष कॉलेजों के खिलाफ आंदोलित छात्रों ने परेड मैदान से कनक चौक, सर्वे चौक, सेवायोजन कार्यालय होते हुए वापस परेड ग्राउंड तक रैली निकाली। छात्रों ने सरकार व निजी कॉलेजों के खिलाफ नारेबाजी की। छात्र नेता ललित तिवारी, प्रगति जोशी और अजय का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी निजी कॉलेज फीस कम नहीं कर रहे हैं।

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एसएसपी को बताई पीड़ा

आंदोलनरत आयुष छात्रों ने सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी से मुलाकात की। छात्रों ने बताया कि शुल्क नियामक समिति की संस्तुति के बिना ही वर्ष 2015 से फीस 80 हजार से बढ़ाकर दो लाख 15 हजार कर दी गई है। इसको आधार बनाकर मेडिकल कॉलेज उनसे साल 2015 से पहले के छात्रों से भी बढ़ी हुई फीस वसूल रहे हैं। इस पर एसएसपी ने उन्हें समझाया कि वे कानून के दायरे में रहकर ही आंदोलन करें।

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