सचिवालय में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला धरा

सचिवालय में नौकरी के नाम पर युवाओं से लाखों रुपये ठगने के आरोपित को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित अब तक 24 युवकों से नौकरी के नाम पर ठगी कर चुका है।

By BhanuEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 01:11 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jun 2018 02:28 PM (IST)
सचिवालय में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला धरा
सचिवालय में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला धरा

देहरादून, [जेएनएन]: सचिवालय में नौकरी के नाम पर युवाओं से लाखों रुपये ठगने के आरोपित को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक आरोपित अब तक 24 युवकों से नौकरी के नाम पर ठगी कर चुका है। आरोपित ने खुद ही फर्जी प्रमाण पत्र बनाने और सचिव के हस्ताक्षर करने की बात कबूली है। आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।  

विदित है कि एक जून को चार युवक हेमंत बोरा, प्रवेश बोरा, सुनील व आदित्य कन्याल नाम के युवक सचिवालय के गेट पहुंचे। नियुक्ति पत्र कार्यालय के सुरक्षा कर्मी को दिखाया और कहा कि उनकी सचिवालय में नियुक्ति हुई है। उन्हें यहां ज्वाइनिंग देनी है। 

उसके बाद उन्होंने नियुक्ति पत्र जैसे ही कार्यालय में तैनात अधिकारियों को दिखाया तो उन्हें शक हुआ और उन्होंने संयुक्त सचिव सुनील सिंह के हस्ताक्षर का कार्यालय की पत्रावलियों से मिलान किया। जिसमें नियुक्ति पत्र में हस्ताक्षर फर्जी पाए गए। जिसके बाद सचिवालय में हंगामा हो गया। 

युवकों से पूछताछ की गई तो पता चला कि सचिवालय में उपनल के माध्यम से कार्यरत संदीप सिंह बिष्ट ने 60-60 हजार रुपये लेकर युवकों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए हैं। इसके बाद संदीप से भी पूछताछ की गई तो उसने भी नियुक्ति पत्र देने की बात कही। लेकिन, उस समय उसे छोड़ दिया गया। 

बाद में दबाव बढ़ने पर अनुभाग अधिकारी सचिवालय अरविंद चंदोला की ओर से संदीप बिष्ट के खिलाफ कोतवाली नगर में तहरीर दी गई। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसके बाद 16 और लोगों ने भी आरोपित के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। जिसके बाद पुलिस ने टीम गठित कर दस्तवेजों का परीक्षण कराया तो सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए। 

इसके बाद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी और शनिवार को संदीप सिंह बिष्ट पुत्र बृजमोहन बिष्ट निवासी पदमपुर कोटद्वार, हाल पता नवादा देहरादून को गिरफ्तार कर लिया।

अब तक 24 युवाओं से ठग चुका है 14 लाख से अधिक 

कोतवाल बीबीडी जुयाल ने बताया कि आरोपित काफी शातिर है। वर्ष 2010 में उपनल से उसकी सचिवालय में नौकरी लगी थी। अगस्त 2017 में उसने नौकरी छोड़ दी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने और कहीं अच्छी नौकरी न मिलने के कारण उसने ठगी की योजना बनाई। 

आरोपित के मुताबिक अपर सचिव के निजी स्टाफ में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत चंचल को उसने यह बात बताई तो चंचल ने भी अधिकारियों से अच्छी सेटिंग होने का झांसा देकर उसे युवकों से पैसे लेकर नौकरी लगाने को लाने की बात कही। इसके बाद दोनों ने फर्जी नियुक्ति पत्र बनाए और युवकों को पकड़ा दिए। आरोपित ने बताया कि अभी तक वह 24 युवकों से करीब 14 लाख 44 हजार रुपये हड़प चुका है।

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