Chardham All Weather Road: वीके सिंह बोले, मुआवजे के प्रकरणों का शीघ्रता से हो निस्तारण

चारधाम ऑल वेदर रोड के चौड़ीकरण की जद में आने वाली भूमि के मुआवजा प्रकरणों का केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 07:32 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 08:22 PM (IST)
Chardham All Weather Road: वीके सिंह बोले, मुआवजे के प्रकरणों का शीघ्रता से हो निस्तारण
Chardham All Weather Road: वीके सिंह बोले, मुआवजे के प्रकरणों का शीघ्रता से हो निस्तारण

देहरादून, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (से.नि) चारधाम ऑल वेदर रोड के चौड़ीकरण की जद में आने वाली भूमि के मुआवजा प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुआवजा लेने वाले के मकान भी खाली कराने को अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने ब्लॉस्टिंग की जद में आने वाले गांवों को भी कुछ समय के लिए खाली किए जाए। उन्होंने इस बात पर फिर जोर दिया कि कुंभ से पहले चारधाम ऑल वेदर रोड का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह उत्तराखंड में चारधाम ऑल वेदर रोड को लेकर तीन दिवसीय दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गंगोत्री, यमुनोत्री से लेकर बदरीनाथ और केदारनाथ का भी हवाई सर्वे किया। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सड़क परिवहन राज्यमंत्री ने कहा कि ऑल वेदर रोड के निर्माण को लेकर जो कमियां पाई जा रही हैं उन्हें दूर किया जा रहा है। सड़क निर्माण के दौरान नीचे की ओर पहले रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है। मलबे के निस्तारण में पर्यावरण का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि गंगा दूषित न हो। 

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 646 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है। इसमें से 452 किमी चौड़ीकरण किया जा चुका है। इस लिहाज से 70 फीसद काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में कटिंग का कार्य चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले करने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रा के बाद केवल सड़क बनाने का ही कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि जहां भी दिक्कतें आ रही हैं उन्हें लगातार दूर किया जा सके। इस दिशा में प्रदेश सरकार भी पूरी गंभीरता से साथ काम कर रही है।

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योजना की लागत बढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरे देश में यह देखने में आया है कि जहां भी केंद्रीय परियोजना शुरू होती है कि वहां अधिकारी राज्य के लिए अधिक से अधिक पैसा लाना चाहते हैं। ऐसे में जमीनों के सर्किल रेट में खासी वृद्धि की जाती है। इससे योजना की लागत बढ़ जाती है। योजना की लागत के नियंत्रण के लिए सबको सोचना होगा। 

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