आखिर बिना इंटरनेट कैसे ऑनलाइन होगी ये व्यवस्था
अब भले ही खाद्य आपूर्ति विभाग राशन विक्रेताओं को लैपटॉप के साथ हर दिन का ऑनलाइन डाटा अपडेट करना चाहता हो, लेकिन बिना इंटरनेट भला ये कैसे संभव है।
देहरादून, [जेएनएन]: खाद्य आपूर्ति विभाग ने राशन की दुकानों को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की तर्ज पर विकसित करने के लिए दो महीने पहले कवायद शुरू कर दी थी। लेकिन, अब योजना विभाग के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। योजना के तहत राशन विक्रेताओं को लैपटॉप के साथ हर दिन का ऑनलाइन डाटा अपडेट करने के सख्त निर्देश तो दिए गए। लेकिन, विडंबना देखिए कि अभी तक विक्रेताओं को इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
राशन की दुकानों में सीएससी की तर्ज पर ई-डिस्ट्रिक्ट सेवा शुरू करने की विभाग की महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लगा हुआ है। विभाग ने विक्रेताओं को लैपटॉप उपलब्ध कराए हैं। इसके माध्यम से उन्हें खाद्यान्न वितरण का ऑनलाइन हिसाब देना है। लेकिन, इंटरनेट सुविधा उपलब्ध न होने के कारण ये लैपटॉप भी शोपीस बने हुए हैं।
बिना इंटरनेट प्रशिक्षण भी बेकार
सीएससी सेवा के लिए राशन विक्रेताओं को पिछले महीने तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया था। लेकिन, अब इंटरनेट न होने के कारण विक्रेता अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। कई विक्रेताओं का तो कहना है कि वह प्रशिक्षण में बताई गई बातें भी भूलने लगे हैं।
बायोमेट्रिक खाद्यान्न वितरण भी शुरू नहीं
खाद्यान्न कोटे में गड़बड़ी रोकने के लिए बायोमेट्रिक के माध्यम से खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था भी इसी योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह योजना भी अभी शुरू नहीं हो पाई है, जबकि विभाग एक मई से व्यवस्था शुरू होने का दावा कर रहा था।
डीएसओ विपिन कुमार का कहना है कि उन्हें शिकायत मिली है कि राशन विक्रेताओं के पास अभी इंटरनेट की सुविधा नहीं है। योजना आयुक्त कार्यालय से संचालित हो रही है। उच्चाधिकारियों को शीघ्र सूचित किया जाएगा।
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