चकराता में भी दिखी मसूरी और स्विट्जरलैंड जैसी विंटर लाइन
राहुल चौहान चकराता पर्यटन स्थल चकराता वैसे तो चीड़ देवदार कैल बांज बुरांश के मन
राहुल चौहान, चकराता:
पर्यटन स्थल चकराता वैसे तो चीड़, देवदार, कैल, बांज, बुरांश के मनोहारी जंगलों की वजह से बेहद खूबसूरत है, लेकिन यहां की खूबसूरती उस समय और बढ़ जाती है, जब विटरलाइन की लालिमा दिखाई देने लगती है। यह नजारा देहरादून जिले के मसूरी और विदेशों में स्विटरजरलैंड के अलावा चकराता में भी दिखता है। यहां से दिखाई देने वाली विटर लाइन को कैमरे में कैद करने के लिए कई राज्यों से पर्यटक आते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ठंड के मौसम में वायुमंडल में नमी और मैदानी क्षेत्रों की धूल एक सीमित ऊंचाई के बाद रुक जाने से एक समानांतर रेखा बन जाती है, शाम के समय धूलकण के अधिक ऊपर उठने पर जब उस पर सूर्य की रोशनी पड़ती है तो वह चमक उठती है। धूलकण जितने ज्यादा होते हैं यह लाइन उतनी ही गहरी दिखाई देती है। इसे ही विटर लाइन के नाम से जाना जाता है। जिस समय पर विटर लाइन दिखती है, हर किसी का मन उसे कैमरे में कैद करने का करता है। वैसे तो पर्यटन स्थल चकराता में हरी भरी वन संपदा, पहाड़ उस समय चांदी सरीखे दिखने लगते हैं, जब बर्फबारी हो जाती है। हाल ही में हुई बर्फबारी के अधिकांश जगह से पिघलने के कारण पर्यटकों का पूरा फोकस चकराता की तरफ है। ऊंचाई वाले लोखंडी, बुधेर, मोइला टाप पर वर्तमान में बर्फ जमी हुई है, जहां पहुंचने में तमाम तरह की दिक्कतें हैं। पर्यटक चकराता क्षेत्र में होने वाली बर्फबारी के बाद से ही उमड़ने लगते हैं। चकराता से दिखाई दे रही विटर लाइन हर किसी को लुभा रही है।