एफआरआइ में आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञों ने प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव पर किया चिंतन

दून में अंतरराष्ट्रीय जैवविविधता दिवस पर प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव पर चिंतन किया गया। वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) में आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञों ने कहा कि जैवविविधता के संरक्षण के लिए प्राकृतिक संसाधनों के दोहन व संरक्षण के बीच सामंजस्य बनाना होगा।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 23 May 2021 03:15 PM (IST) Updated:Sun, 23 May 2021 03:15 PM (IST)
एफआरआइ में आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञों ने प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव पर किया चिंतन
दून में अंतरराष्ट्रीय जैवविविधता दिवस पर प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव पर चिंतन किया गया।

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून में अंतरराष्ट्रीय जैवविविधता दिवस पर प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव पर चिंतन किया गया। वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) में आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञों ने कहा कि जैवविविधता के संरक्षण के लिए प्राकृतिक संसाधनों के दोहन व संरक्षण के बीच सामंजस्य बनाना होगा।

शनिवार को वेबिनार का उद्घाटन करते हुए एफआरआइ के निदेशक एएस रावत ने कहा कि जैवविविधता की हानि अब चेतावनी के स्तर पर पहुंच चुकी है। बढ़ती जनसंख्या के बीच संसाधन जुटाने के लिए प्राकृतिक संपत्तियों का अनियंत्रित दोहन किया जा रहा है। मानव व वन्यजीव संघर्ष बढऩे लगा है। यदि हमें अपना भविष्य सुरक्षित रखना है तो जैवविवधता को बचाना जरूरी है। कार्यक्रम के दौरान कीट-पतंगों की जैवविविधता पर लघु फिल्मों का प्रसारण भी किया गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय वन दिवस पर 'स्वस्थ मानवता के लिए स्वस्थ वनÓ विषय पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता छात्रों को पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर वनस्पति प्रभाग के प्रमुख डॉ. अनूप चंद्रा, डॉ. चरण सिंह आदि उपस्थित रहे। 

उधर, उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में स्पेक्स व नासी (उत्तराखंड चैप्टर) के संयुक्त तत्वाधान में जैवविविधता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रख्यात पर्यावरणविद् पद्विभूषण सुंदरलाल बहुगुणा को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते यूकॉस्ट महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने पर्यावरणविद् बहुगुणा के जीवन के अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय वन्यजीव संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. जीएस रावत ने उत्तराखंड के संदर्भ में जैवविविधता संरक्षण के विज्ञान, नीति व कार्य: आत्मनिरीक्षण एवं संभावना विषय पर व्याख्यान दिया।

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वहीं, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एएन पुरोहित, गुरुकुल कांगड़ी विवि के पूर्व कुलपति प्रो. डीके माहेश्वरी, स्पेक्स के सचिव डॉ. बृजमोहन शर्मा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2021 के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक डॉ. डीपी उनियाल, डॉ. अपर्णा शर्मा, जीएस रौतेला आदि उपस्थित रहे।

इन्हें मिला पुरस्कार (क्रमश: पहला, दूसरा व तीसरा)

समूह एक

प्रभजोत सिंह, प्रद्युम्न व अनिकेत।

समूह दो

प्राप्ति सिंह, रिया बिष्ट व अपराजिता।

समूह तीन

शगुन गोयल, नवीन कुमार, अभिषेक।

समूह चार

सुनीता, गुंजन कार्की, ईशा चौहान।

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