मनमाना किराया वसूल रहे विक्रम चालक, आंखें मूंदे बैठा परिवहन विभाग

ढाई माह तक खड़े विक्रम चलने शुरू तो हुए लेकिन यह यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे। इस अवैध वसूली पर परिवहन विभाग पूरी तरह आंखें मूंदे बैठा हुआ है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 04:15 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 04:15 PM (IST)
मनमाना किराया वसूल रहे विक्रम चालक, आंखें मूंदे बैठा परिवहन विभाग
मनमाना किराया वसूल रहे विक्रम चालक, आंखें मूंदे बैठा परिवहन विभाग

देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में आधी सीटों पर संचालन की शर्त का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा। ढाई माह तक खड़े विक्रम चलने शुरू तो हुए, लेकिन यह यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे। यात्रियों की शिकायत है कि वाहन में बैठने से पहले ही चालक उन्हें दोगुना किराया बता रहे। मजबूरी के कारण उन्हें चालकों की बात माननी पड़ रही। इस अवैध वसूली पर परिवहन विभाग पूरी तरह आंखें मूंदे बैठा हुआ है।

सरकार ने सार्वजनिक परिवहन वाहनों को 50 फीसद सीटों पर संचालन की मंजूरी दी हुई है। तीन हफ्ते पहले मिली इस मंजूरी पर बस संचालकों ने तो हाथ खड़े कर दिए, लेकिन इस हफ्ते सोमवार से शहर में ऑटो और विक्रम संचालकों ने संचालन शुरू कर दिया। हालांकि, इनकी संख्या अभी सीमित है। जहां शहर में करीब 800 विक्रम दौड़ते थे, मौजूदा समय में करीब 100 विक्रम ही संचालित हो रहे। ऐसे ही साढ़े तीन हजार ऑटो में से चार सौ के आसपास संचालित हो रहे। अभी सवारियों का अभाव भी है। ज्यादातर लोग निजी वाहनों में सफर करना सुरक्षित मान रहे। ऐसे में कम सवारी होने पर विक्रम चालकों ने मनमाना किराया लेना शुरू कर दिया है। बुधवार को कुछ रूटों पर किराए के बारे में पूछताछ की गई तो मालूम चला कि विक्रम चालक दोगुना किराया ले रहे हैं।

यह है ऑटो-विक्रम का किराया

फरवरी में संभागीय प्राधिकरण ने ऑटो व विक्रम के प्रति किमी किराये को बढ़ा दिया था। ऑटो का पहले दो किमी का किराया 50 रुपये व इससे ऊपर प्रति किमी किराया 15 रुपये है। प्राधिकरण ने रात्रि में ऑटो में किराया 50 फीसद अधिक किया था। वहीं, विक्रम का किराया नौ रुपये प्रति किमी से बढ़ाकर पहले दो किमी के लिए 40 रुपये व इसके बाद हर किमी के लिए 17 रुपये किया गया था। विक्रम का जो किराया तय है, वह उसमें बैठने वाली सभी सवारियों के औसत पर निकाला जाता है। यानी, विक्रम अगर तीन किमी चलता है तो किराए के 57 रुपये उसमें बैठी सभी सवारियों की संख्या से भाग करने के बाद वसूले जाने चाहिए।

बोले लोग मोहित कुमार (नेहरू कालोनी) का कहना है कि मैंनें नेहरू कालोनी से तहसील के लिए विक्रम पकड़ा। चालक ने पहले ही मुझसे कहा कि किराया कि 20 रुपये होगा। मैनें उससे किराया 10 रुपये होने की बात कही तो उसने मुझ से उतर जाने को कहा। जरूरी काम के चलते मुझे आना था, इसलिए मैंनें 20 रुपये देकर सफर किया। विमला नौडियाल (जीएमएस रोड) का कहना है कि मैंने सब्जी मंडी निरंजनपुर तिराहे से पांच नंबर का विक्रम पकड़ा। उस वक्त चालक ने किराया नहीं बताया, लेकिन तहसील पर उतरने के दौरान उसने 15 रुपये मांगे। मैंने 10 रुपये किराया होने की बात ही तो वह विवाद करने लगा। जिस पर मैंने उसे 15 रुपये किराया दे दिया। यतीश पाल (करनपुर) का कहना है कि मैं आइएसबीटी से पांच नंबर के विक्रम में दर्शनलाल चौक के लिए सवार हुआ। उस समय चालक ने किराया नहीं बताया। जब यहां आकर उतरा और चालक को किराया देने लगा तो उसने 20 रुपये मांगे। जब मैंने किराया 15 रुपये की बात कही तो चालक लड़ने लगा। जिस पर मैंने उसे 20 रुपये ही दे दिए। शिवम मित्तल (सहस्रधारा रोड) का कहना है कि मैं आइएसबीटी से सर्वे चौक आने के लिए विक्रम में चढ़ा। चालक ने मुझे पहले ही बता दिया कि किराया 30 रुपये लगेगा। मैंने 15 रुपये किराए की बात कही तो वह बोला कि सरकार ने आधी सीट पर सवारी ले जाने को कहा है। यही नहीं उसने बोला कि सभी यात्रियों से डबल किराया लिया जा रहा है। इस पर मैंने मजबूरी में विक्रम चालक को 30 ही रुपये दिए।

बोले अधिकारी

अरविंद पांडेय (एआरटीओ प्रवर्तन) का कहना है कि परिवहन विभाग की ओर से किराए में किसी तरह की वृद्धि नहीं की गई है। जो किराया परिवहन प्राधिकरण द्वारा फरवरी में तय किया गया था, वही मान्य है। विक्रम चालक अगर ज्यादा किराया वसूल रहे हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी और परमिट के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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राजेंद्र कुमार (अध्यक्ष विक्रम जनकल्याण समिति) का कहना है कि जिन रूटों पर चालकों द्वारा यात्रियों को तंग कर किराया अधिक लिया जा रहा है, वहां के रूट प्रधानों को चेतावनी दी गई है। यूनियन के पदाधिकारी गुरुवार से हर रूट पर औचक निरीक्षण करेंगे और यात्रियों से किराए के बारे में पूछेंगे। जहां भी किराया अधिक लेने की बात सामने आएगी, वहां विक्रम चालक व संचालक पर कार्रवाई की जाएगी।

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