Lockdown 5.0: देहरादून में आज से दौड़ने लगे ऑटो-विक्रम, जानिए कितनी सवारियों को लेकर चलेंगे
सवा दो माह से खड़े सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के पहियों में ऑटो-विक्रम के पहिये सोमवार से दौड़ने लगे हैं।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना संकट के कारण सवा दो माह से खड़े सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के पहियों में ऑटो-विक्रम के पहिये सोमवार से दौड़ने लगे हैं। रविवार को ऑटो और विक्रम यूनियनों के प्रधानों ने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सरकार द्वारा निर्धारित सीट संख्या और मानकों पर संचालन की शर्त मान ली। पहले ट्रांसपोर्टर इन शर्तों पर संचालन को राजी नहीं थे।
हालांकि, पचास फीसद यात्रियों के साथ वाहन चलाने को लेकर सिटी और निजी बस ट्रांसपोर्टर अभी मानने को तैयार नहीं हैं। सरकार की ओर से उन्हें टैक्स में तीन माह की छूट दी गई है, यह भी उन्हें मंजूर नहीं। ट्रांसपोर्टरों का दावा है कि वाहन खड़े रहने की सूरत में यह छूट तो वे कोर्ट के जरिए भी ले सकते हैं। किराये की वृद्धि के बगैर या सरकार द्वारा घाटा उठाने से कम शर्त पर वे वाहन नहीं चलाएंगे। वहीं, सोमवार से यूपी रोडवेज द्वारा संचालन शुरू करने के बावजूद अभी उत्तराखंड रोडवेज बस संचालन को तैयार नहीं है। रोडवेज को बस संचालन की सूरत में अपना घाटा और बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
कोरोना संकट के चलते सवा दो माह से खड़े सार्वजनिक वाहनों को सरकार ने दो हफ्ते पहले संचालन की अनुमति दी थी, लेकिन पचास फीसद सवारियों के साथ। वाहनों में सीट संख्या के हिसाब से यात्रियों की संख्या भी राज्य सरकार ने तय की थी, लेकिन ट्रांसपोर्टरों को यह व्यवस्था रास नहीं थी। न बस संचालक राजी थे, न ही टैक्सी-मैक्सी, विक्रम, ऑटो संचालक तैयार थे। सभी का कहना था कि सरकार की व्यवस्था के हिसाब से डीजल का खर्च भी नहीं निकल पाएगा। कुछ ट्रांसपोर्टर मांग कर रहे थे कि यात्रियों की संख्या बढ़ाई जाए, तो कुछ किराया दोगुना करने की मांग कर रहे थे। इस बीच कुछ टैक्सी यूनियनों ने संचालन शुरू कर दिया।
जानिए कितनी सवार बैठाएंगे ऑटो-विक्रम
अब सोमवार से विक्रम और ऑटो चलने भी शुरू हो गए हैं। सरकार ने 7 यात्री क्षमता वाले विक्रम में 4, जबकि 6 यात्री क्षमता वाले विक्रम में 3 सवारी बैठाने की इजाजत दी गई है। विक्रम जनकल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने कहा कि वाहन खड़े रहने से सैकड़ों संचालक और चालकों के घर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में अब धीरे-धीरे सोमवार से हर रूट पर विक्रमों का संचालन शुरू किया जा रहा। जो भी संचालक सरकार द्वारा निर्धारित मानकों और शर्तों पर विक्रम संचालन करना चाहता है, वो स्वतंत्र है। यूनियन की ओर से अब कोई रुकावट नहीं होगी।
वहीं, ऑटो यूनियन के अध्यक्ष राम सिंह ने बताया कि सोमवार से एक यात्री की शर्त के साथ ऑटो का संचालन शुरू के दिया जाएगा। चालकों को हिदायत दी गयी है कि एक यात्री से ज्यादा ना बैठाएं। दूसरी तरफ, देहरादून सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा कि सरकार ने जो टैक्स माफी का झुंझुना दिया है, उससे कोई लाभ नहीं होने वाला। सरकार अगर यात्रियों के बीमा शुल्क और सवारी टैक्स में छूट जारी करने के साथ खाली पचास फीसद सीटों का खर्च वहन करे तो कुछ बात बन सकती है और बस संचालन शुरू किया जा सकेगा।
बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा
कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच विक्रमों का संचालन शुरू होने से शहर में कोरोना का खतरा और बढ़ सकता है। दरअसल, विक्रम कांट्रेक्ट कैरिज होने के बावजूद स्टेज कैरिज के तहत नियम विरुद्ध फुटकर सवारी में चलते हैं। ऐसे में हर सवारी के बीच में उतारने और नई सवारी बैठाने के दरमियान सीट व वाहन को सैनिटाइजर करना मुनासिब नहीं है।
यह भी पढ़ें: प्रवासियों को लाने के लिए मंगलौर-गोवा-नासिक-हरिद्वार स्पेशल ट्रेन, पढ़िए
सरकार ने हर सवारी के उतरने के बाद सीट सेनिताइज करने की शर्त रखी हुई है। वहीं, विक्रम में सवारियों के बीच निर्धारित शारीरिक दूरी भी नहीं होती और उनके घुटने आपस में टकराते हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा बढऩे का अंदेशा है। यही हाल ऑटो में भी रह सकता है। भले ऑटो में एक सवारी की यात्रा मान्य है, लेकिन संचालक इसका कितना पालन करेंगे ये संशय है। वाहन या सीट को सैनिटाइज करना भी कितना संभव होगा, ये कहना मुश्किल है।