शहीद आश्रितों को योग्यता के आधार पर मिलेगी नौकरी

जागरण संवाददाता, देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि शहीदों को सम्मान और

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Dec 2017 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 17 Dec 2017 03:00 AM (IST)
शहीद आश्रितों को योग्यता के आधार पर मिलेगी नौकरी
शहीद आश्रितों को योग्यता के आधार पर मिलेगी नौकरी

जागरण संवाददाता, देहरादून :

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि शहीदों को सम्मान और उनके आश्रितों को सरकार योग्यता के अनुसार नौकरी देगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 149 वीर नारी, पूर्व सैनिक व सैन्य अफसरों को सम्मानित भी किया गया।

गांधी पार्क में विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुष्प चक्र के साथ शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि 1971 की लड़ाई जीत कर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया था। इस लड़ाई के बाद भारत के बाग्लादेश के साथ अच्छे संबंध स्थापित हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस युद्ध में उत्तराखंड के 248 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी और 78 वीर सैनिक घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि युद्ध में राज्य के 74 रणबाकुरों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया, जिसमें से 36 देहरादून के रहने वाले थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान एक सैन्य प्रदेश के रूप में है। इसकी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सराहना होती है। वर्तमान में उत्तराखण्ड की अनेक विभूतिया सुरक्षा के क्षेत्र में उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं, जो प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, डीजी कोस्टगार्ड राजेन्द्र सिंह एवं तमाम मिलिट्री ऑपरेशन से जुड़े मसलों में उत्तराखंड के निवासी प्रतिनिधत्व कर रहे हैं। मौके पर सीएम ने वीरता पदक प्राप्त राज्य के 428 सैनिकों व शहीद सैनिकों के करीब 149 परिवारजनों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मेयर विनोद चमोली, विधायक गणेश जोशी, विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन, जनरल आनन्द स्वरूप, डीएम एसए मुरूगेशन, एसएसपी निवेदिता कुकरेती समेत अन्य मौजूद रहे।

रिस्पना और कोसी को संवारने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि रिस्पना और कोसी को पौराणिक रूप में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस योजना पर सरकार काम कर रही है। बताया कि दोनों नदियों के पुनर्जीवन की जिम्मेदारी सेना की ईको टास्क फोर्स को दी गई है। उन्होंने दोनों नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए जनता से जनसहयोग की अपील की।

हड़ताली प्रदेश नहीं बनाना

सीएम रावत ने कहा कि प्रदेश ने हड़ताल में देश में पहला स्थान बनाया है। ऐसे में अब प्रदेश को कामकाज के दिनों में हड़ताल की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने छुट्टियां कम नहीं की, बल्कि काम के लिए ज्यादा दिन दिए हैं। जिससे प्रदेश का विकास हो सके।

डॉक्टरों को बुलाया वापस

पूर्व सरकार ने अपने स्वार्थ पूरे करने के लिए राज्य में कम फीस पर डॉक्टर बनने वालों को छूट दे दी थी। अब सरकार ने पुराने बॉड के अनुसार डॉक्टरों को दूरस्थ इलाकों में सेवा देने को कहा है। इसका फायदा जल्द देखने को मिलेगा। सीएम ने कहा कि सरकार के एक साल का कार्यकाल में इसके प्रमाण भी देखने को मिलेंगे।

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