उत्तराखंड में फर्जी टैक्स रसीदों पर दौड़ रहे हैं वाहन, पढ़िए पूरी खबर

यात्रा सीजन शुरू होते ही धंधेबाजों ने परिवहन विभाग के टैक्स में फर्जीवाड़ा भी शुरू कर दिया है। यहां फर्जी टैक्स रसीदों पर वाहन दौड़ रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 18 May 2019 05:06 PM (IST) Updated:Sat, 18 May 2019 08:13 PM (IST)
उत्तराखंड में फर्जी टैक्स रसीदों पर दौड़ रहे हैं वाहन, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में फर्जी टैक्स रसीदों पर दौड़ रहे हैं वाहन, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। यात्रा सीजन शुरू होते ही धंधेबाजों ने परिवहन विभाग के टैक्स में फर्जीवाड़ा भी शुरू कर दिया है। बीते कुछ दिनों से ऐसी शिकायतें आरटीओ में आ रही थी कि स्टेट टैक्स के रूप में फर्जी रसीदें प्रयोग हो रही हैं। इसके बाद एआरटीओ अरविंद पांडे ने सड़कों पर खुद व्यावसायिक वाहनों की टैक्स से जुड़ी रसीदें चेक की तो मामला सही पाया। ऐसा एक टैंपो ट्रेवलर शुक्रवार शाम कुठालगेट पर चेकिंग में पकड़ा गया। आशंका है कि यह धंधा प्राइवेट काउंटरों के सिंडिकेट पर चल रहा, जो टैक्स तो ले रहे हैं लेकिन असली के बजाए फर्जी रसीदें वाहनों को उपलब्ध करा रहे। एआरटीओ ने मामले में विस्तृत जांच कराने की बात कही है। वहीं, टैंपो ट्रेवलर सीज कर मामले में राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। 

स्टेट टैक्स की कुछ फर्जी रसीदें गत दिनों आरटीओ दफ्तर में पकड़ी गई थी। इस पर एआरटीओ प्रशासन अरविंद कुमार पांडे ने एसएसपी निवेदिता कुकरेती को सूचित कर संयुक्त जांच की बात कही। परिवहन समेत पुलिस तभी से व्यावसायिक वाहनों में एंट्री टैक्स रसीद की जांच कर रही थी। शुक्रवार को एआरटीओ पांडे कुठालगेट पर चेकिंग कर रहे थे। उन्होंने मसूरी जा रहे एक टैंपो ट्रेवलर (आरजे14-टीडी-4331) को रोक दस्तावेज चेक किए। उसकी टैक्स रसीद का ऑनलाइन सर्वर से मिलान किया गया तो रसीद फर्जी निकली। चालक अरविंद ने बताया कि उसे जयपुर से यात्रियों की एक बुकिंग मिली थी। 

यात्री हवाई जहाज द्वारा जयपुर से जौलीग्रांट एयरपोर्ट दून पहुंचे और वह सड़क मार्ग से खाली वाहन लेकर यहां आया। रास्ते में उसने हरियाणा से उत्तराखंड की टैक्स रसीद कटाई। एयरपोर्ट से यात्रियों को लेकर वह मसूरी जा रहा था। परिवहन विभाग ने वाहन सीज कर राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, चालक द्वारा भी रसीद देने वाले लोगों के विरुद्ध राजपुर थाने में शिकायत दी गई है। एसओ राजपुर नत्थीलाल उनियाल ने बताया कि जिन्होंने टैक्स रसीद उपलब्ध कराई, उनकी तलाश शुरू कर दी गई है। 

ऑनलाइन रसीदों में चल रहा 'खेल' 

पहले स्टेट टैक्स केवल प्रदेश में एंट्री के वक्त परिवहन विभाग की चेकपोस्ट पर ही कटता था। वहां मैन्युअल तरीके से टैक्स लेकर रसीद दी जाती थी। दो साल पहले विभाग ने सभी चेकपोस्टों को ऑनलाइन कर दिया। इसके अलावा टैक्स जमा करने के लिए अपनी वेबसाइट पर भी लिंक जारी कर दिया। जिसके बाद किसी भी राज्य या शहर में बैठकर उत्तराखंड का टैक्स कटाया जा सकता है। टीम ने चकिंग के दौरान 15 वाहनों के चालान किए।

व्हॉट्सअप पर आ रहीं रसीदें 

शुक्रवार को पकड़े गए टैंपो ट्रेवलर के चालक अरविंद कुमार ने बताया कि उसने टैक्स जमा करने के लिए जयपुर के निवासी एक ट्रांसपोर्टर से संपर्क किया। उस व्यक्ति ने हरियाणा के दो लोगों के मोबाइल नंबर देकर उनसे संपर्क करने को कहा। अरविंद ने उनसे संपर्क किया और उत्तराखंड प्रवेश का आठ दिन का टैक्स काटने को कहा। अरविंद ने ऑनलाइन रकम भेज दी, इसके बदले उसे टैक्स रसीद भी व्हॉट्सअप पर भेज दी गई। अब पुलिस इन दोनों मोबाइल नंबर धारकों की तलाश कर रही है। 

हर माह लाखों का चूना 

विभागीय अधिकारी आशंका जता रहे कि टैक्स माफिया हर माह फर्जी रसीदों से सूबे को लाखों रुपये की राजस्व की चपत लगा रहे हैं। फर्जीवाड़ा देखते हुए एआरटीओ ने सभी व्यावसायिक वाहनों की टैक्स रसीदों का सर्वर से मिलान करने के आदेश जारी किए हैं। 

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