18 साल बाद भी निगम को उत्‍तर प्रदेश से नहीं मिले 425 करोड़ रुपये, जानिए

परिसंपत्तियों के बंटवारे के मसले अभी तक नहीं सुलझ पाए हैं। उत्तराखंड वन विकास निगम भी इससे त्रस्त है जिसके हिस्से की 425 करोड़ रुपये की रकम उसे उत्तर प्रदेश से नहीं मिली है।

By Edited By: Publish:Thu, 25 Apr 2019 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 25 Apr 2019 02:22 PM (IST)
18 साल बाद भी निगम को उत्‍तर प्रदेश से नहीं मिले 425 करोड़ रुपये, जानिए
18 साल बाद भी निगम को उत्‍तर प्रदेश से नहीं मिले 425 करोड़ रुपये, जानिए

देहरादून, केदार दत्त। उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग हुए 18 साल का वक्फा बीत चुका है, मगर परिसंपत्तियों के बंटवारे के मसले अभी तक नहीं सुलझ पाए हैं। उत्तराखंड वन विकास निगम भी इससे त्रस्त है, जिसके हिस्से की 425 करोड़ रुपये की रकम उसे उत्तर प्रदेश से नहीं मिल पाई है। अब जबकि, निगम की माली हालत कुछ नासाज हुई है तो इस हिस्सेदारी की ओर ध्यान गया है और इसे पाने के लिए फिर से कवायद तेज की जा रही है। वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत के अनुसार इस सिलसिले में वह उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख रहे हैं।

उत्तराखंड बनने के बाद परिसंपत्तियों के बंटवारे में उत्तराखंड वन वन विकास निगम के हिस्से में 425.23 करोड़ रुपये की राशि आई थी। साथ ही उत्तराखंड में कार्य करने वाले कर्मियों को यहीं का ही मान लिया गया था। तब उप्र से भरोसा दिलाया गया था कि उत्तराखंड को उसके हिस्से की 425.23 करोड़ की रकम जल्द रिलीज कर दी जाएगी, मगर 18 साल बाद भी ऐसा नहीं किया गया।

हालांकि, पूर्व में दोनों राज्यों के मुख्य सचिव समेत उच्च स्तर की बैठकों में अन्य मसलों के साथ ही वन विकास निगम की हिस्सेदारी का मसला भी रखा गया, मगर यह अनसुलझा ही है। उप्र से न तो राशि जारी की जा रही और न इसका कारण ही बताया जा रहा। अब जबकि वन विकास निगम की वित्तीय स्थिति कुछ खराब हुई है तो इस तरफ फिर से ध्यान गया है। उत्तराखंड वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक मोनीष मल्लिक के अनुसार उप्र से यह राशि जल्द मिले, इसके लिए उच्च स्तर पर कदम उठाने को मुख्यमंत्री और वन मंत्री से आग्रह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह राशि निगम का वित्तीय स्वास्थ्य सुधारने में मददगार साबित होगा। साथ ही पेंशन, ग्रेच्युटी आदि के लंबित भुगतान भी हो सकेंगे।

बोले मंत्री जी

डॉ.हरक सिंह रावत (वन एवं पर्यावरण मंत्री, उत्तराखंड) का कहना है कि उत्तराखंड वन विकास निगम की हिस्सेदारी के संबंध में कई बार उप्र के वन मंत्री के अलावा उप्र वन निगम के प्रबंध निदेशक समेत अन्य अधिकारियों से बात हुई। उप्र की ओर से भरोसा दिलाया गया कि यह राशि जल्द जारी की जाएगी, मगर अभी तक ऐसा नहीं हुआ। अब मैं इस संबंध में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख रहा हूं। कोशिश है कि जल्द से जल्द से वन विकास निगम को उसकी हिस्सेदारी मिल सके।

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