देवभूमि उत्तराखंड के कलाकार भी बने देश के नाम आए इस वर्ल्ड रिकॉर्ड का हिस्सा, जानिए

हाल ही में देश के नाम चित्रकारी में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड आया है जिसमें देवभूमि के पांच कलाकार राजेश चन्द्र मानसी पोखरेल अमरजीत सिंह राणा सानिया बिष्ट और सागर राजभर ने हिस्सा लेकर इस विश्व कीर्तिमान को पाने में अपना सहयोग दिया।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 09 Dec 2020 10:31 AM (IST) Updated:Wed, 09 Dec 2020 10:31 AM (IST)
देवभूमि उत्तराखंड के कलाकार भी बने देश के नाम आए इस वर्ल्ड रिकॉर्ड का हिस्सा, जानिए
देवभूमि उत्तराखंड के कलाकार भी बने देश के नाम आए इस वर्ल्ड रिकॉर्ड का हिस्सा।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। हाल ही में देश के नाम चित्रकारी में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड आया है, जिसमें देवभूमि के पांच कलाकार राजेश चन्द्र, मानसी पोखरेल, अमरजीत सिंह राणा, सानिया बिष्ट और सागर राजभर ने हिस्सा लेकर इस विश्व कीर्तिमान को पाने में अपना सहयोग दिया। 

इंटरनेशनल आर्ट एंड इमेजिनेशन फोरम और छपाई डॉट कॉम के जरिये यह इवेंट संभव हो पाया। इसमें विश्व भर से 3000 कलाकारों ने कोरोना के समय रचानात्मकता का संदेश दिया। इस इवेंट को लंदन से वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में विश्व का सबसे बड़ा ऑनलाइन क्रिएटिव इवेंट का खिताब मिला है। चित्रकार राजेश चंद्र ने बताया कि इस इवेंट के लिए उन्होंने अपने चार साथी कलाकारों को एक महीने की ट्रेनिंग दी। फिर सभी ने मिलकर अपनी भारतीय थीम जैसे हमारे कोरोना योद्धा, लोक कला, नवरात्रि, दशहरा और डूडल आदि को चित्र कर अपनी कलाकारी का लोहा मनवाया। 

इस इवेंट की 25 कैटेगरी में लगभग 50 देशों के कलाकारों ने एक साथ अपने काम को सब्मिट किया है। इसमें से श्रेष्ठ कलाकारी को एक वर्चुअल आर्ट गैलरी में डिस्प्ले किया गया। यह प्रदर्शनी नवंबर 30 तक रही। देवभूमि के इन पांच चित्रकारों की पेंटिंग्स को इस वर्चुअल आर्ट गैलरी में प्रदर्शित किया गया। राजेश का चित्र 'देश ही परिवार है' इस गैलेरी में वर्चुअल माध्यम से डिसप्ले हुआ। 

राजेश इस चित्र को प्रधानमंत्री कार्यालय भी भेज चुके है। वहीं, इस चित्र को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और विधान सभा अध्यक्ष को भी भेंट कर चुके हैं। चित्रकार राकेश चंद्र ने बताया कि कोरोना वायरस के समय जहां सभी जगह आर्ट गैलरी बंद है और कलाकार कुछ रचनात्मक करने की सोच रहे थे। वहां इस इवेंट में सभी कलाकरों को उनकी कला के माध्यम से अपने-अपने घरों से ही वर्ल्ड रिकॉर्ड बना कर आपदा को अवसर में बदल दिया है।

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