Uttarakhand Lockdown में बढ़ी गर्भवतियों की दिक्कत, डिलीवरी के लिए महिला को झेलनी पड़ी परेशानी

गर्भवती महिलाओं की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसी तरह का एक मामला शहर में सामने आया। गांधी शताब्दी अस्पताल पहुंची गर्भवती को भर्ती करने से ही मना कर दिया गया।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 08:28 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 08:28 PM (IST)
Uttarakhand Lockdown में बढ़ी गर्भवतियों की दिक्कत, डिलीवरी के लिए महिला को झेलनी पड़ी परेशानी
Uttarakhand Lockdown में बढ़ी गर्भवतियों की दिक्कत, डिलीवरी के लिए महिला को झेलनी पड़ी परेशानी

देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन ने गर्भवती महिलाओं की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसी तरह का एक मामला शहर में सामने आया। गांधी शताब्दी अस्पताल पहुंची गर्भवती को भर्ती करने से ही मना कर दिया गया, लेकिन कुछ समाजसेवियों ने जब अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला को सूचना दी तो उन्होंने तत्काल हस्तक्षेप किया। इस पर महिला की सिजेरियन डिलीवरी कराई गई।

डालनवाला में किराए पर रहने वाले चमोली गौचर के पनानी तल्ली निवासी सुबोबकांत की पत्नी आरती को शुक्रवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई। उन्होंने 108 पर फोन किया और एंबुलेंस आ गई। 108 सेवा के कर्मचारियों ने कहा कि वह उन्हें दून महिला अस्पताल नहीं ले जा सकते, क्योंकि वहां कोरोना के मरीज भर्ती किए गए हैं। वह उन्हें गांधी शताब्दी अस्पताल लेकर पहुंचे। 

यहां डॉक्टर ने बताया कि सामान्य डिलीवरी नहीं हो पाएगी और गर्भवती को हायर सेंटर रेफर करना होगा। लेकिन सवारी और रुपयों का इंतजाम न होने के कारण सुबोध मजबूर थे। काफी माथपच्ची के बाद एक डॉक्टर ने कहा कि बाहर से अल्ट्रासाउंड कराकर ले आओ, फिर देख लेंगे। लेकिन उनके पास बाहर से अल्ट्रासाउंड कराने के भी पैसे नहीं थे। इसी बीच सुबोध ने कुछ समाजसेवियों से संपर्क किया। उन्होंने इसकी सूचना प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को दी। 

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जिन्होंने तत्काल महिला चिकित्सक डॉ पदमा रावत को मौके पर भेजा, जिसके बाद उन्होंने करीब एक बजे आरती की सिजेरियन डिलीवरी की। आरती ने एक बच्ची को जन्म दिया। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि बच्ची और मां दोनों स्वस्थ है। दून महिला में गर्भवतियों को न लेने से यहां दबाव बढ़ गया है। शिकायत मिलने पर तत्काल डॉक्टर को भेजा गया और अल्ट्रासांउड और डिलीवरी कराई गई।

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