उत्‍तराखंड सरकार को केंद्र से 888 करोड़ की मदद की दरकार

इस वर्ष मानसून सीजन में बारिश व प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान की भरपाई के लिए उत्‍तराखंड सरकार केंद्र से 888 करोड़ की वित्तीय सहायता की मांग करेगी।

By gaurav kalaEdited By: Publish:Wed, 21 Sep 2016 11:05 AM (IST) Updated:Wed, 21 Sep 2016 11:10 AM (IST)
उत्‍तराखंड सरकार को केंद्र से 888 करोड़ की मदद की दरकार

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: इस वर्ष मानसून सीजन में बारिश व प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान की भरपाई के लिए उत्तराखंड सरकार केंद्र से 888 करोड़ की वित्तीय सहायता की मांग करेगी। इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। इसके बाद केंद्रीय टीम उत्तराखंड आकर आपदा से हुई क्षति का मौके पर मुआयना करेगी।
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से 20 अक्टूबर तक हुए नुकसान की क्षति के लिए 665 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग केंद्र से की गई थी। ताजा आकलन के बाद इस नुकसान की राशि करीब 888 करोड़ पहुंच गई है।

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सचिवालय में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए। प्रदेश में चालू मानसून में अतिवृष्टि, भूस्खलन व बाढ़ जैसी कई घटनाओं में 90 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
प्रदेश की सड़कों पर भी मानसून आफत बनकर टूटा और इससे सड़कों को करीब 254 करोड़ रुपये की क्षति उठानी पड़ी। इसके बाद सबसे अधिक 200 करोड़ का नुकसान शिक्षा विभाग को उठाना पड़ा, जबकि पेयजल महकमे को भी 128 करोड़ रुपये की क्षति हुई।

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बैठक में विभागीय अधिकारियों ने मुख्य सचिव के समक्ष अपने महकमे में नुकसान का ब्योरा प्रस्तुत किया। उन्होंने आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से वित्तीय मदद का प्रस्ताव जल्द तैयार करने के निर्देश दिए। आपदा राहत के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (एसडीआरएफ) व केंद्रीय सहायता की मद में केंद्र से मांगी जाएगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. रणबीर सिंह, प्रमुख सचिव ऊर्जा उमाकांत पंवार, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव सिंचाई आनंद वद्र्धन, सचिव लोनिवि एएस ह्यांकी आदि मौजूद थे।

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आपदा से अनुमानित क्षति का ब्योरा:
सेक्टर/विभाग नुकसान (धनराशि करोड़ों रुपये में)

सड़क 254.00
ऊर्जा 31.00
पेयजल 128.00
सिंचाई 72.00
लघु सिंचाई 69.00
शिक्षा 200.00
महिला कल्याण 04.00
कृषि 44.00
पशुपालन 01.50
गृह विभाग 08.00
स्वास्थ्य 01.50
वन 23.00
पर्यटन 01.50
पंचायतीराज 25.00

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