उत्तराखंड में उपनल कर्मियों ने भरी हुंकार, आज भी जारी है कार्य बहिष्कार

उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में तैनात 22 हजार से अधिक कर्मचारी सोमवार को कार्य बहिष्कार पर रहे। उपनल कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सैकड़ों कर्मचारी सहस्रधारा रोड स्थित धरना स्थल पर एकत्र हुए और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 10:02 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 10:02 AM (IST)
उत्तराखंड में उपनल कर्मियों ने भरी हुंकार, आज भी जारी है कार्य बहिष्कार
उत्तराखंड में उपनल कर्मियों ने भरी हुंकार, आज भी जारी है कार्य बहिष्कार।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में तैनात 22 हजार से अधिक कर्मचारी सोमवार को कार्य बहिष्कार पर रहे। उपनल कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सैकड़ों कर्मचारी सहस्रधारा रोड स्थित धरना स्थल पर एकत्र हुए और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार मंगलवार को भी जारी है। विभिन्न संविदा कर्मचारी संगठनों का समर्थन भी उपनल कर्मियों को मिला है। उपनल कर्मियों के कार्य बहिष्कार पर रहने से स्वास्थ्य, नगर निगम, शिक्षा, विद्युत आदि विभागों में कार्य प्रभावित हुआ है। मांगें पूरी नहीं होने पर उन्होंने बेमियादी हड़ताल की चेतावनी भी दी है।

धरनास्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कुशाग्र जोशी ने कहा कि सभी राजकीय विभागों, सार्वजनिक निगमों, विकास प्राधिकरणों व केंद्र पोषित योजनाओं में 22 हजार से अधिक कर्मचारी उपनल के माध्यम से तैनात हैं, जो कि पिछले कई सालों से पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं, लेकिन इनके सामने सुरक्षित भविष्य की चिंता बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि कई बार सेवा नियमावली, नियमितीकरण आदि मांगों को लेकर आंदोलन किया गया है। शासन-प्रशासन से कई बार की वार्ता हो चुकी है। इसके बाद भी उपनल कर्मियों की मांगों का समाधान नहीं किया गया है। नैनीताल उच्च न्यायालय ने भी उपनल कर्मियों का नियमितीकरण व समान कार्य के लिए समान वेतन देने का आदेश पूर्व में जारी किया था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश का पालन भी सरकार ने अभी तक नहीं किया है। इससे उपनल कर्मियों में आक्रोश है।

महामंत्री हेमंत सिंह रावत ने कहा कि उपनल कर्मियों का लगातार शोषण किया जा रहा है। शासनादेश जारी होने के बाद भी कई विभागों से उपनल कर्मियों को नौकरी से हटाया जा रहा है। जिन पदों पर उपनल कर्मी तैनात हैं, उन पर नियमित पद निकालकर भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से भरा जा रहा है। ऐसे में उपनल कर्मियों के सामने दोबारा आंदोलन शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

दिवसीय कार्य बहिष्कार के बाद उपनल कर्मी आंदोलन की अग्रिम रणनीति तैयार करेंगे। धरने पर बैठने वालों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरीश कोठारी, दीपक चौहान, भावेश जगूड़ी, महेश भट्ट, विद्यासागर धस्माना, नरेश शाह, मनोज सेमवाल, रोहित, प्रदीप, अनिल जुयाल, पंकज रावत, मोहन लाल, मनवीर तडिय़ाल, कमलेश भट्ट आदि कर्मचारी शामिल रहे।

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