ईआरपी सॉफ्टवेयर खरीद में घोटाले से इन्कार, पढ़िए पूरी खबर

यूजेवीएन लिमिटेड प्रबंधन ने ईआरपी सॉफ्टवेयर खरीद में घोटाले के आरोपों को खारिज किया है। प्रबंधन का दावा है कि क्यूसीबीएस व्यवस्था के नियमों के मुताबिक ही निविदा की गई है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 05:12 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 05:12 PM (IST)
ईआरपी सॉफ्टवेयर खरीद में घोटाले से इन्कार, पढ़िए पूरी खबर
ईआरपी सॉफ्टवेयर खरीद में घोटाले से इन्कार, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। यूजेवीएन लिमिटेड प्रबंधन ने ईआरपी सॉफ्टवेयर खरीद में घोटाले के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। प्रबंधन का दावा है कि क्यूसीबीएस व्यवस्था के नियमों के मुताबिक ही निविदा की गई है।

मंगलवार को जीएमएस रोड स्थित यूजेवीएनएल के प्रधान कार्यालय में प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि प्रोक्योरमेंट नियम 59 (1) के तहत क्वालिटी एंड कॉस्ट बेस्ड सिस्टम के जरिये निविदा आमंत्रित की गई। यह निविदा जटिल, विशेष, उच्च बौद्धिक घटक और रचनात्मकता की जरूरत होने पर की जाती है। इसमें गुणवत्ता और लागत के परस्पर भाव को देखते हुए अंक दिए जाते हैं। जिसके अंक ज्यादा होते हैं। उसकी को निविदा आवंटित की जाती है। उन्होंने बताया कि ईआरपी सॉफ्टवेयर के लिए भी इस व्यवस्था से अंकों के आधार पर निविदा दी गई। चार-पांच सदस्यीय कमेटी ने प्रजेंटेशन के आधार पर नंबर दिए। इसलिए मैसर्स एक्सेंचर को नियमों को ताक पर रखकर निविदा देने के आरोप सरासर गलत हैं।

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 वर्मा ने बताया कि ईआरपी सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद कर्मियों के वेतन, ठेकेदार के भुगतान, स्टॉक, विभिन्न योजनाओं में हो रहा बिजली उत्पादन का रिकार्ड आदि सभी काम सॉफ्टवेयर में हो रहा है। उन्होंने बताया कि एक्सेंचर विश्व की चौथी नंबर की कंपनी है। साथ ही एनटीपीसी, सेल, एमपी जेनको, एमपी ट्रांसको, हिमाचल जेनको एवं ट्रांसको, पंजाब पावर, छत्तीसगढ़ डिस्कॉम, यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड में भी काम कर रही है।

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