स्वाइन फ्लू से पीड़ि‍त दो महिलाओं की हुई मौत, अब तक हो चुकी 21 मौते

स्वाइन फ्लू से पीड़ि‍त दो महिलाओं की श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में मौत हो गई। महिलाओं में एक सहारनपुर एवं एक देहरादून की रहने वाली थी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 09 Feb 2019 08:08 PM (IST) Updated:Sun, 10 Feb 2019 08:55 AM (IST)
स्वाइन फ्लू से पीड़ि‍त दो महिलाओं की हुई मौत, अब तक हो चुकी 21 मौते
स्वाइन फ्लू से पीड़ि‍त दो महिलाओं की हुई मौत, अब तक हो चुकी 21 मौते

देहरादून, जेएनएन। स्वाइन फ्लू का वायरस लगातार विकराल होता जा रहा है। शनिवार को भी स्वाइन फ्लू से पीड़ि‍त दो महिलाओं की श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में मौत हो गई। महिलाओं में एक सहारनपुर एवं एक देहरादून की रहने वाली थी। वहीं, 11 मरीजों में और स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। स्वाइन फ्लू से अब तक 21 मौते हो चुकी हैं। जबकि 136 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है।   

सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि सहारनपुर की 26 वर्षीय एवं दून की 59 वर्षीय महिला श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में 6 फरवरी से भर्ती थी। सहारनपुर की महिला की शुक्रवार देर रात एवं दून की महिला की शनिवार सुबह मौत हो गई। बताया कि शनिवार को 11 नये मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें से 8 एसएमआई, एक दून अस्पताल और एक सिनर्जी अस्पताल में भर्ती है। बताया कि 136 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें से 21 की मौत हो चुकी है। बताया कि सरकारी एवं निजी अस्पतालों को एहतियात बरतने के निर्देश जारी किये गए हैं। 

क्या है स्वाइन फ्लू 

स्वाइन फ्लू, इनफ्लुएंजा (फ्लू वायरस) के अपेक्षाकृत नए स्ट्रेन इनफ्लुएंजा वायरस से होने वाला संक्रमण है। इस वायरस को ही एच1 एन1 कहा जाता है। इसे स्वाइन फ्लू इसलिए कहा गया था, क्योंकि सुअर में फ्लू फैलाने वाले इनफ्लुएंजा वायरस से यह मिलता-जुलता था।  स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। कई बार यह मरीज के आसपास रहने वाले लोगों और तीमारदारों को भी चपेट में ले लेता है। किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे कम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखना चाहिए, स्वाइन फ्लू का मरीज जिस चीज का इस्तेमाल करे, उसे भी नहीं छूना चाहिए। 

स्वाइन फ्लू के लक्षण 

नाक का लगातार बहना, छींक आना कफ, कोल्ड और लगातार खासी मासपेशियों में दर्द या अकडऩ सिर में भयानक दर्द नींद न आना, ज्यादा थकान दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढऩा गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना।  

ऐसे करें बचाव 

स्वाइन फ्लू से बचाव इसे नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी उपाय है। इसका उपचार भी मौजूद है। लक्षणों वाले मरीज को आराम, खूब पानी पीना चाहिए। शुरुआत में पैरासिटामॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं। बीमारी के बढऩे पर एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) जैसी दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है।

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