एक ही जिले में तीन साल से डटे पुलिस अफसर बदलेंगे
तीन साल से एक ही जिले में जमे पुलिस के दारोगा, इंस्पेक्टर और डीएसपी के जल्द तबादले कर दिए जाएंगे। चुनाव आयोग के आदेश के बाद आचार संहिता से पहले यह प्रक्रिया पूरी की जानी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: तीन साल से एक ही जिले में जमे पुलिस के दारोगा, इंस्पेक्टर और डीएसपी रैंक के अधिकारियों के जल्द तबादले होंगे। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने कसरत शुरू कर दी है। चुनाव आयोग के आदेश पर आचार संहिता लागू होने से पहले ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। अभी तक तैयार हुई सूची में 40 इंस्पेक्टर और 110 दारोगा इसके दायरे में आ रहे हैं। जबकि आधा दर्जन पुलिस उपाधीक्षकों को भी इधर से उधर किया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव की तैयारी के चलते चुनाव को प्रभावित करने में सक्षम अधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने 15 जनवरी को पुलिस महानिदेशक, दोनों रेंज के डीआइजी, गढ़वाल और कुमाऊं कमीश्नर समेत अन्य विभागों के विभागाध्यक्षों को आदेश प्रेषित किया है कि तीन साल या इससे अधिक की अवधि तक एक ही जनपद में रहने वाले अधिकारी या फिर चुनाव प्रभावित करने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से आचार संहिता से पहले ट्रांसफर किया जाए। इसके लिए विभागों से शपथ पत्र भी मांगा गया है। ताकि उल्लंघन करने पर आयोग कार्रवाई कर सके। आयोग के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने भी गढ़वाल और कुमाऊं रेंज के दारोगा, इंस्पेक्टर और पुलिस उपाधीक्षकों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है। अभी तक तैयार हुई सूची में 40 इंस्पेक्टर, 110 दारोगा शामिल किए गए हैं। इनमें से कई कोतवाली, थाना और चौकी संभाले हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि इसी माह के अंत तक इनके ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। ताकि समय पर दूसरे पुलिस अधिकारी थाना-चौकी की जिम्मेदारी संभाल सकें। पहले ही हटा दिए राजपत्रित अधिकारी
पुलिस मुख्यालय ने पीपीएस और आइपीएस अफसरों की सूची पहले ही जारी कर दी है। ऐसे में कोई भी पीपीएस और आइपीएस अफसर अब जिले में तीन साल से ज्यादा समय तक तैनात नहीं है। इससे पुलिस विभाग ने राहत की सांस ली है। हालांकि, इंस्पेक्टर से डीएसपी बनने वाले कई अधिकारी जरूर तीन सालों से जनपद में ही तैनाती पाए गए हैं। इनमें कुछ सिविल पुलिस तो कुछ विजिलेंस और सीआइडी में तैनात हैं। तीन साल से एक ही जगह पर तैनात अधिकारियों का ट्रांसफर किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार सूची तैयार की जा रही है। जल्द ट्रांसफर के आदेश जारी किए जाएंगे। इसमें किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।
अशोक कुमार, डीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था