कृषि मंत्री उनियाल ने दी सख्त हिदायत, सफेद हाथी न बने प्रशिक्षण केंद्र और प्रयोगशाला

दून में भी अब किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही बीज का परीक्षण भी कर सकेगा। निदेशालय परिसर में नवनिर्मित प्रशिक्षण केंद्र और बीज परीक्षण प्रयोगशाला का कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने लोकार्पण किया। साथ ही सख्त हिदायत भी दी।

By Edited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 09:33 PM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 02:21 PM (IST)
कृषि मंत्री उनियाल ने दी सख्त हिदायत, सफेद हाथी न बने प्रशिक्षण केंद्र और प्रयोगशाला
कृषि मंत्री उनियाल ने दी सख्त हिदायत, जागरण।

देहरादून, जेएनएन। कृषि विभाग दून में भी अब किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही बीज का परीक्षण भी कर सकेगा। निदेशालय परिसर में नवनिर्मित प्रशिक्षण केंद्र और बीज परीक्षण प्रयोगशाला का कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने लोकार्पण किया। हालांकि, उन्होंने विभागीय अधिकारियों को हिदायत भी दी कि यह भवन महज सफेद हाथी बनकर न रह जाए। इसका उपयोग किसानों को लाभ पहुंचाने में किया जाए। 

मंगलवार को नंदा की चौकी स्थित कृषि निदेशालय परिसर में कृषक, महिला और युवा बहुउद्देशीय प्रशिक्षण प्रसार एवं सूचना केंद्र और राज्य स्तरीय बीज परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए, जबकि, विशिष्ट अतिथि के रूप में सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर उपस्थित रहे। कृषि सचिव डॉ. हरबंस सिंह चुघ ने भी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले तीन साल में कृषि विभाग ने सराहनीय कार्य किया है। जिसके लिए उन्हें केंद्र सरकार की ओर से सम्मानित भी किया गया। लेकिन अभी किसानों के उत्थान की दिशा में काफी काम करना है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिक से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को बेहतर खेती के गुर सिखाएं। साथ ही प्रयोगशाला का भी उचित प्रयोग कर बीजों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। कृषि निदेशक गौरी शंकर ने बताया कि कृषक, महिला एवं युवा बहुउद्देशीय प्रशिक्षण प्रसार एवं सूचना केंद्र की लागत 298.07 लाख रुपये रही। इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र से संबंधित जानकारी, योजना, प्रशिक्षण राज्य स्तर पर आयोजित कराना है। जिसमें 150 कृषकों को प्रशिक्षण दिए जाने की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त निदेशालय परिसर में 72.33 लाख रुपये की लागत से राज्य स्तरीय बीज परीक्षण प्रयोगशाला भी तैयार की गई है। इससे पहले केवल हल्द्वानी में अस्थायी रूप से प्रयोगशाला संचालित की जा रही थी। प्रयोगशाला का उद्देश्य कृषकों को बुआई से पूर्व उपलब्ध कराए जाने वाले बीजों को जमा करना, शुद्धता आदि जांचते हुए गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। 
फसलों की उन्नत प्रजातियां की जाएं विकसित 
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर, कृषि विज्ञान केंद्रों और आइसीआर संस्थान अल्मोड़ा को साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे कृषि विभाग किसानों के लिए जलवायु के अनुसार फसल की उन्नतशील प्रजातियां विकसित करा सके। बीज परीक्षण प्रयोगशाला के माध्यम से यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कृषकों को गुणवत्तायुक्त बीज ही उपलब्ध हो। कृषि विधेयक से खत्म होंगे बिचौलिए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने केंद्र की ओर से लाए गए नए कृषि बिल को हितकारी बताते हुए कहा कि इससे बिखैलिए समाप्त हो जाएंगे। उत्तरकाशी का किसान नैनीताल में भी अपना लाल चावल बेच पाएगा। इससे स्थानीय फसलों का प्रसार बढ़ेगा। साथ ही किसानों को भी फसल का उचित दाम मिल सकेगा।
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