जाम से जूझा शहर, पैदल चलने को मजबूर हुए लोग

भाजपा समर्थित लोक अधिकार मंच की रैली और जनसभा में उमड़ी भीड़ ने राहगीरों का कड़ा इम्तेहान लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Dec 2019 08:06 PM (IST) Updated:Sun, 29 Dec 2019 08:06 PM (IST)
जाम से जूझा शहर, पैदल चलने को मजबूर हुए लोग
जाम से जूझा शहर, पैदल चलने को मजबूर हुए लोग

जागरण संवाददाता, देहरादून: भाजपा समर्थित लोक अधिकार मंच की रैली और जनसभा में उमड़ी भीड़ ने राहगीरों का कड़ा इम्तेहान लिया। शहर के प्रमुख मार्गो पर लगे जाम के चलते लोगों को चंद किलोमीटर का सफर तय करने एक से डेढ़ घंटे का वक्त लग गया। यह स्थिति दिन में ग्यारह बजे से दोपहर तीन बजे तक रही। परेड ग्राउंड की जनसभा के खत्म होने के बाद यातायात को सामान्य में होने करीब एक घंटे का वक्त लगा।

लोक अधिकार मंच की रैली को देखते हुए तैयार रूट प्लान को दिन में ग्यारह बजे से प्रभावी कर दिया गया। सिटी बस और विक्रमों को घंटाघर और परेड ग्राउंड की ओर जाने से रोकने के साथ रेलवे स्टेशन, धर्मपुर चौक, आराघर टी जंक्शन, दिलाराम चौक से डायवर्ट किया जाने लगा। इसके चलते घंटाघर और इसके आसपास के क्षेत्र में जाने के लिए लोगों को काफी दूर तक पैदल चलना पड़ा। वहीं, डायवर्जन का असर सिर्फ पैदल राहगीरों पर ही नहीं पड़ा, बल्कि डायवर्जन के चलते बुद्धा चौक, दून चौक, चकराता रोड पर प्रभात कट के पास जाम की स्थिति बनी रही। लिफ्ट से भी नहीं मिली मदद

तमाम पैदल राहगीरों ने कार और बाइक से चलने वाले लोगों से लिफ्ट लेकर यात्रा आसान करने की सोची। मगर ये वाहन भी कुछ दूरी के बाद जहां-तहां लगे जाम में फंस गए। लिहाजा लिफ्ट लेने वालों को मजबूरन पैदल ही चलना पड़ा। सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं और बच्चों को हुई। शांतिपूर्ण संपन्न होने पर ली राहत की सांस

जागरण संवाददाता, देहरादून: ट्रैफिक डायवर्जन और परेड ग्राउंड में जनसभा की सुरक्षा को लेकर की गई प्लानिंग को डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बेहद कामयाब बताया। उन्होंने कहा कि काफी समय बाद इतनी बड़ी रैली हुई थी। इसे लेकर जुलूस क्षेत्र और शहर को छह जोन और 19 सेक्टर में बांट कर ड्यूटियां लगाई गई थीं।

डीआइजी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान शांति व कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए छह सीओ, 13 इंस्पेक्टर व एसओ, 52 उपनिरीक्षक, 291 पुरुष व महिला कांस्टेबिल की ड्यूटी लगाई गई थी। इसके साथ ही तीन क्यूआरटी, चार आंसू गैस स्क्वायड, घुड़सवार पुलिस की टुकड़ी के साथ सात कंपनी पीएसी भी तैनात की गई थी। वहीं, रैली के मार्ग पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करते हुए क्षेत्राधिकारी व थानेदारों को भ्रमण पर रखा गया था। यातायात व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए सिटी पेट्रोल यूनिट की ड्यूटी अलग से लगाई गई थी। ड्रोन कैमरों ने की निगरानी

रैली और परेड ग्राउंड की निगरानी के लिए एसडीआरएफ के दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। एक ड्रोन रैली के साथ चलते हुए पलटन बाजार, घंटाघर आदि क्षेत्र की निगरानी करता रहा, जबकि दूसरा ड्रोन कार्यक्रम स्थल के ऊपर मंडराता रहा।

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