देहरादून में मलिन बस्तियों से टाउस टैक्स की ऑनलाइन सेवा शुरू, यह दस्तावेज जरूरी

मलिन बस्तीवासियों से हाउस टैक्स के संबंध में नगर निगम ने ऑनलाइन सेवा शुरू कर दी है। महापौर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त ने निगम के टैक्स अनुभाग को इसी हफ्ते से मलिन बस्तियों के 40 हजार भवनों से टैक्स की वसूली के आदेश दिए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 10:43 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 10:43 AM (IST)
देहरादून में मलिन बस्तियों से टाउस टैक्स की ऑनलाइन सेवा शुरू, यह दस्तावेज जरूरी
देहरादून में मलिन बस्तियों से टाउस टैक्स की ऑनलाइन सेवा शुरू।

देहरादून, जेएनएन। मलिन बस्तीवासियों से हाउस टैक्स के संबंध में नगर निगम ने ऑनलाइन सेवा शुरू कर दी है। महापौर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने नगर निगम के टैक्स अनुभाग को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इसी हफ्ते से मलिन बस्तियों के 40 हजार भवनों से टैक्स की वसूली के आदेश दिए हैं। लंबी-चौड़ी कसरत के बाद निगम 20 साल बाद बस्तियों से टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है। इसके दायरे में शहर की 129 बस्तियां आ रही हैं। इससे निगम की आय में तकरीबन दो करोड़ रुपये की वृद्धि होगी।

नगर निगम में मलिन बस्तियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल की लांचिंग पिछले साल की गई थी, लेकिन बस्तीवालों तक इसकी सूचना का प्रसार न होने से वे इसका लाभ नहीं ले पाए। इस बार महापौर गामा ने इस पोर्टल के जरिए अधिक से अधिक भवनों से टैक्स वसूली के निर्देश दिए हैं। महापौर ने बताया कि सभी बस्तियों से वित्तीय वर्ष 2014-15 में शहर में लागू की गई सेल्फ असेसमेंट प्रणाली के तहत ही टैक्स वसूला जाएगा।

टैक्स अनुभाग ने मलिन बस्तियों का डाटा अपलोड कर दिया है। आमजन को असुविधा न हो इसके लिए शिविर भी लगाकर टैक्स वसूल किया जाएगा। राजपुर, अधोईवाला समेत अजबपुरकलां, कांवली, धर्मपुर क्षेत्र की 129 मलिन बस्ती में रहने वाले परिवार भी नगर निगम की वेबसाइट पर अपना हाउस टैक्स ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। बस्तीवालों को नगर निगम की वेबसाइट पर जाना होगा, जहां ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स का विकल्प मिलेगा।

इस पर लॉगिन करने के बाद प्रोफाइल बनाना होगा व दस्तावेज स्कैन कर उसमें अपलोड करने होंगे। तब हाउस टैक्स जमा हो पाएगा। इस सुविधा से बस्तियों के निवासियों को टैक्स जमा करने के लिए निगम दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

टैक्स के लिए यह दस्तावेज जरूरी

मलिन बस्तियों में जिन भवनों पर पूर्व में टैक्स नहीं था, उनको टैक्स के दायरे में लाने के लिए भवन निर्माण करने वाले व्यक्ति/स्वामी बिजली-पानी के बिल, आधार कार्ड, राशन कार्ड, गैस कनेक्शन आदि के दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं, जबकि पूर्व में टैक्स के दायरे में रहे भवनों पर सेल्फ असेसमेंट के आधार पर टैक्स वसूलने की कार्रवाई होगी।

निगम बनने पर बंद हुआ था टैक्स

पूर्व में जब निगम नगर पालिका था तो उस समय वर्ष 1992 में मलिन बस्तियों पर हाउस टैक्स लगाया गया था। विनोद चमोली उस समय हाउस टैक्स असेसमेंट कमेटी के अध्यक्ष थे। तब मलिन बस्तियों में घरों की संख्या 20 हजार के करीब थी। वर्ष 1998 में पलिका से नगर निगम बना तो यह कार्रवाई बंद पड़ गई। इसका कारण था कि पालिका में रेंटल वैल्यू के आधार पर टैक्स वसूला जाता था, जबकि निगम बनने पर कारपेट एरिया का नियम लागू हो गया। इसके चलते मलिन बस्तियों समेत अन्य क्षेत्रों में भी कर में संशोधन नहीं हो पाया, जबकि पांच साल के अंतराल में संशोधन आवश्यक होता है। वर्ष 2013 में चमोली ने हाउस टैक्स में संशोधन किया, मगर मलिन बस्तियों का हाउस स्थगित ही रहा, जिसे अब पूरी तरह लागू किया जा रहा।

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