कांग्रेस दिग्गजों में तेज हुई खींचतान, किशोर ने की हरीश पर ये टिप्पणी

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की काफल पार्टी पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के बाद अब पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी टिप्पणी की है।

By Edited By: Publish:Sat, 02 Jun 2018 03:00 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jun 2018 07:52 PM (IST)
कांग्रेस दिग्गजों में तेज हुई खींचतान, किशोर ने की हरीश पर ये टिप्पणी
कांग्रेस दिग्गजों में तेज हुई खींचतान, किशोर ने की हरीश पर ये टिप्पणी

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: कांग्रेस में दिग्गजों के बीच खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की काफल पार्टी पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के बाद अब पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी टिप्पणी की है। हालांकि किशोर ने जिस अंदाज में सोशल मीडिया पर काफल को लेकर अपनी बात कही है, उसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि उन्होंने इशारे ही इशारे में हरीश रावत के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को भी निशाने पर लिया है। 

वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने भी उपेक्षा से क्षुब्ध होकर कार्यमुक्ति मांग कर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की काफल पार्टी पर टिप्पणी कर पार्टी के भीतर सियासी हलचल तेज कर दी हैं। 

उन्होंने कहा कि 'काफल चैप्टर अच्छी बात है, लेकिन चैप्टर तभी महफूज रहेगा, जब काफल का पेड़ रहेगा, पेड़ तब महफूज रहेगा, जब जंगल रहेंगे, जब जंगल रहेंगे, पक्षी रहेंगे, और यह सब तक जिंदा रहेंगे, जब वनवासी-गिरिजन जिंदा रहेंगे।' 

फेसबुक पर किशोर उपाध्याय की इस टिप्पणी के कई मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार मिलने और अब थराली उपचुनाव में भी कांग्रेस को जीत नसीब नहीं होने से पार्टी में नीचे से ऊपर तक बेचैनी महसूस की जा रही है। 

उपचुनाव के मौके पर पार्टी भले ही एकजुट नजर आई, लेकिन चुनाव परिणाम अपेक्षा के मुताबिक नहीं रहने पर क्षत्रपों के बीच तलवारें खिंचने की नौबत है। किशोर की टिप्पणी को इसी वजह से हरीश रावत के साथ प्रीतम सिंह पर भी इशारों में किए गए हमले के तौर पर लिया जा रहा है।

वहीं किशोर के नजदीकी माने जाने वाले प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट भी संगठन में अपनी उपेक्षा से खिन्न बताए जाते हैं। मीडिया के साथ बातचीत में वह इशारों में ही उपेक्षा के चलते कार्यमुक्त किए जाने का मुद्दा उछाल चुके हैं। बिष्ट के इस कदम से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर फिर से सबको एक साथ लेकर चलने का दबाव बढ़ गया है।

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