जौनसार के धौरा में तांदी-नृत्य की रही धूम

चकराता शनिवार को जौनसार के सुदूरवर्ती धौरा-पुडिया स्थित चितासैंणी देवी के मंदिर में परंपरागत तरीके से तांदी नृत्य का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 08:56 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 08:56 PM (IST)
जौनसार के धौरा में तांदी-नृत्य की रही धूम
जौनसार के धौरा में तांदी-नृत्य की रही धूम

संवाद सूत्र, चकराता: शनिवार को जौनसार के सुदूरवर्ती धौरा-पुडिया स्थित चितासैंणी देवी के मंदिर में अष्टमी पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। कोरोनाकाल में सात माह बाद जौनसार के धौरा पंचायत में पहली बार सामूहिक रूप से तांदी-नृत्य की धूम रही। इस दौरान दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं व स्थानीय ग्रामीणों ने देवी माता मंदिर में अष्टमी पर्व की पूजा-अर्चना कर घर-परिवार के खुशहाली की मनौती मांगी। मेले में काफी समय बाद स्टाल लगने से बच्चों व महिलाओं ने गोल गप्पे व अन्य लजीज पकवानों का स्वाद चखा।

चकराता ब्लॉक के बोंदूर खत से जुड़े धौरा-पुडिया में चितासैंणी देवी माता का प्राचीन मंदिर है। यहां अष्टमी व नवमी पर्व के मौके पर प्रतिवर्ष मेला लगता है। जिसमें बोंदूर खत से जुड़े करीब चौबीस गांवों के लोग देवी माता की पूजा-अर्चना करने आते हैं। कोरोनाकाल में सात माह बाद शनिवार को जौनसार के धौरा-पुडिया स्थित देवी माता मंदिर में ढोल-बाजे के साथ पहुंचे स्थानीय ग्रामीणों ने अष्टमी व नवमी की पूजा-अर्चना की। इस दौरान अष्टमी का व्रत रखने वाली कई ग्रामीण महिलाओं ने देवी माता मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर मत्था टेका। काफी समय बाद एक साथ जुटे ग्रामीणों ने धौरा मंदिर में ढोल-दमोऊ व रणसिघे की थाप पर पंरपरागत जौनसारी तांदी-नृत्य की प्रस्तुति से देवी माता की आराधना की। देवी मंदिर में शनिवार को रात्रि जागरण के बाद रविवार को मेले का समापन होगा। देवी माता के मेले में जुटे स्थानीय ग्रामीणों व दूर-दराज से आए अन्य श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर मनौती मांगी। लाखामंडल निवासी लोक गायक व सामाजिक कार्यकत्र्ता बाबूराम शर्मा ने कहा कि लंबे समय जौनसार के धौरा गांव में तांदी-नृत्य की प्रस्तुति से रोनक देखने को मिली। इस मौके पर ग्रामप्रधान त्रेपन सिंह राणा, क्षेत्रपंचायत सदस्य उषा वर्मा, अतर सिंह रावत, सरदार सिंह, मंगतराम, फकीरा व राधेश्याम आदि मौजूद रहे।

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