स्वामी विवेकानंद के आदर्श को आत्मसात करें युवा : राज्यपाल

स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व व विचारों से युवा पीढ़ी को परिचित कराना समय की मांग की है। शिक्षा के संबंध में भी उनके विचार काफी महत्वपूर्ण हैं। यह बात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने स्वामी विवेकानंद शिला स्मारक कार्यक्रम के दौरान कही।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Nov 2019 09:16 PM (IST) Updated:Fri, 01 Nov 2019 09:16 PM (IST)
स्वामी विवेकानंद के आदर्श को आत्मसात करें युवा : राज्यपाल
स्वामी विवेकानंद के आदर्श को आत्मसात करें युवा : राज्यपाल

जागरण संवाददाता, देहरादून: स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व व विचारों से युवा पीढ़ी को परिचित कराना समय की मांग की है। शिक्षा के संबंध में भी उनके विचार काफी महत्वपूर्ण हैं। यह बात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने स्वामी विवेकानंद शिला स्मारक कार्यक्रम के दौरान कही।

सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएगी और उनका चरित्र निर्माण करेगी। साथ ही शिक्षा के माध्यम से युवा पीढ़ी में समाज सेवा व साहस की भावना उत्पन्न होनी चाहिए। इसलिए इस दिशा में हमें काम करना चाहिए। जिससे एक सशक्त समाज का निर्माण हो।

राज्यपाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद व्यवहारिक शिक्षा को उपयोगी मानते थे। उन्होंने समाज निर्माण के लिए शिक्षा को सदैव महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में देखा। इसके अलावा स्वास्थ्य पर भी विशेष बल दिया। वह शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी जोर देते थे। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि देवभूमि उत्तराखंड में स्वामी विवेकानंद के कई साधना स्थल रहे हैं। उन्हें अल्मोड़ा और हिमालय से विशेष लगाव था। उन्होंने हिमालय को मानव चेतना को सर्वोच्च अवस्था तक पहुंचाने का सबसे बड़ा माध्यम माना। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक भारतीय उनके सिद्धांतों व जीवन दर्शन का अनुसरण करे तो निश्चित रूप से हम एक शिक्षित, सुसंस्कृत, स्वस्थ और श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर पाएंगे। कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद शिला स्मारक की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष निवेदिता भिड़े ने कहा कि अगले वर्ष हम स्वामी विवेकानंद शिला स्मारक की 50वीं वर्षगांठ मनाएंगे। पूर्व राज्यसभा सदस्य सदस्य तरुण विजय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी युवा पीढ़ी के लिए प्रासंगिक व महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने भारत की एकता पर बल दिया और युवाओं को समाज सेवा व देश सेवा के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में मनोजीत सिन्हा, स्वामी सुदर्शन महाराज व कई विद्यालयों के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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