भाजपा को खतरा, कांग्रेस को बैठे-बैठे मिल गया ये मुद्दा

शहर में चल रही सफाई कर्मियों की हड़ताल नगर निगम चुनाव में भाजपा के लिए खतरा बन सकती है। ऐसे में कांग्रेस को बैठे-बैठे भाजपा के खिलाफ एक मुद्दा मिल गया।

By Edited By: Publish:Fri, 11 May 2018 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 11 May 2018 10:04 PM (IST)
भाजपा को खतरा, कांग्रेस को बैठे-बैठे मिल गया ये मुद्दा
भाजपा को खतरा, कांग्रेस को बैठे-बैठे मिल गया ये मुद्दा

देहरादून, [जेएनएन]: शहर में चल रही सफाई कर्मियों की हड़ताल नगर निगम चुनाव में भाजपा के लिए खतरा बन सकती है। चार दिन से जारी हड़ताल शहरवासियों की नाक में दम कर रही है। जनता परेशान है और सरकार फिलहाल कोई सकारात्मक हल नहीं निकाल सकी है। उधर, कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया है। 

दरअसल, कांग्रेस सरकार में संविदाकरण का शासनादेश जारी हुआ था, लेकिन भाजपा की सवा साल की सरकार में इस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। ऐसे में कांग्रेस को बैठे-बैठे भाजपा के खिलाफ एक मुद्दा मिल गया। कांग्रेसी पूर्व विधायक हड़ताल का समर्थन कर यह मामला सुलझने नहीं दे रहे। 

नगर निगम में मोहल्ला स्वच्छता समिति के 610 कर्मचारी वर्षो से दैनिक वेतन पर सेवाएं दे रहे हैं। निगम में इनके लिए 522 पद संविदा के सृजित किए थे, मगर कांग्रेस सरकार ने 22 नवंबर 2016 को 408 पदों पर संविदाकरण के आदेश दिए। निगम की सबसे बड़ी मुश्किल इनकी मेरिट बनाना है ताकि कोई विवाद न हो। 

निगम का दावा है कि इसी प्रक्रिया की वजह से संविदा में नियुक्ति देने में विलंब हुआ। निगम ये भी दावा कर रहा कि नियुक्ति पत्र अंतिम चरण में थे कि इसी बीच 27 अप्रैल को शासन ने नया आदेश जारी कर संविदा पर नियुक्ति में रोक लगा दी। सफाई कर्मियों का कहना है कि उनका मामला पहले से मंजूर है तो वह इस दायरे में नहीं आते, लेकिन निगम अधिकारी इससे इंकार कर रहे। 

मामले को लेकर निगम ने शासन से राय मांगी है, मगर अभी जवाब नहीं मिला। इधर, सफाईकर्मी हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं। उन्हें कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार समेत पार्षदों और राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा का समर्थन भी हासिल है। 

निवर्तमान महापौर विनोद चमोली दावा कर रहे हैं कि उन्होंने संविदाकरण के पूरे प्रयास किए पर शासन की अंतिम समय में लगी रोक इसमें रोड़ा बन गई। इसी वजह से उन्हें विदाई के दिन सफाई कर्मियों का आक्रोश झेलना पड़ा। वहीं, पूर्व विधायक राजकुमार आरोप लगा रहे कि भाजपा सरकार दलित विरोधी है, इसलिए नियुक्ति नहीं दी। 

तो सांठगांठ से लंबित थी प्रक्रिया 

सफाई कर्मियों का आरोप है कि संविदा की प्रक्रिया मेरिट पर नहीं, बल्कि लेनदेन के चलते लंबित थी। उनका आरोप है कि नियुक्ति को लेकर बाकायदा रकम मांगी जा रही थी। यह रकम सभी देने का राजी नहीं थे, इसलिए निगम अफसर लगातार प्रक्रिया टालते रहे। 

डॉ. गुंज्याल को किया रीलीव 

तबादले के बाद लंबी छुट्टी पर चले गए निगम के वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैलाश गुंज्याल को जिलाधिकारी एवं प्रशासक एसए मुरूगेशन ने गुरुवार देर शाम रीलीव कर दिया। शासन ने 18 अप्रैल को गुंज्याल का तबादला इसी पद पर हरिद्वार कर दिया था, लेकिन वे अगले ही दिन से छुट्टी पर चले गए। 

हड़ताल के दौरान भी वे वापस नहीं आए। इससे नाराज प्रशासक ने उन्हें तलब कर रीलीव कर दिया। निगम में अब वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी की जिम्मेदारी डॉ. आरके सिंह संभालेंगे।

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