प्रेम, सम्मान और प्रार्थना के साथ व्यतीत करें जीवन: स्वामी चिदानंद
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हमें जीवन ईश्वर की प्रार्थना, प्रेम और सम्मान के साथ व्यतीत करना चाहिए है।
ऋषिकेश, [जेएनएन]: परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ईश्वर ने हमें मनुष्य का जीवन जरूरतमंदों और असहाय लोगों की सहायता करने, शांति व प्रेम की स्थापना के लिए दिया है। इसलिए इसे ईश्वर की प्रार्थना, प्रेम और सम्मान के साथ व्यतीत करना जरूरी है। यही एक आम जीवन को आदर्श जीवन बनाता है।
पमरार्थ प्रवक्ता के अनुसार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली में दो दिवसीय विश्व वेद सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें शनिवार को आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जनता को एकता और शांति की स्थापना का संकल्प दिलाया। इस मौके पर मुस्लिम समाज की मातृशक्ति को सम्मानित भी किया गया। स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि आपसी दरारों को भरते हुए चाहे वह दीवारें किसी भी तरह की हो भाईचारे, सहकार और मोहब्बत के पेड़ लगाएं और साथ-साथ जीवन में आगे बढ़ें।
इस तीन दिवसीय आयोजन में हिंदू और मुस्लिम दोनों सम्प्रदायों की बालिकाओं का एक साथ दैनिक हवन, वैदिक मंत्रोच्चार एवं भजनों में सहभाग करना हिम्मत एवं साहस का कार्य है। उन्होंने कहा अब अपने समाज को नमाज के साथ जोड़ें और नमाज को समाज के साथ जोड़ें।
नमाज मस्जिदों तक ही सीमित न रहे बल्कि नमाज की उस बंदगी का फायदा गंदगी को दूर करने में, समाज को फायदा पहुंचाने में और समाज को गले लगाने में भी हो। उन्होंने कहा कि शरीयत वह है जो हमें शराफत का पाठ पढ़ाती है। उन्होंने तलाक के विषय में कहा कि जिस मातृ शक्ति ने हमें जन्म दिया, उन्हें हम क्या दे रहे हैं।
मातृ शक्ति ने हमें केवल पैदा ही नहीं किया बल्कि पालन-पोषण किया, पढ़ाया-लिखाया, हमें सजाया। जिसने हमें सजाया उन्हें हम क्या सजा दे रहे हैं आज। उन्होंने, क्या सम्मान दे रहे आज। उन्होंने वहां मौजूद अतिथियों और जनता को एकता व शांति की स्थापना का संकल्प कराते हुए अतिथियों को शिवत्व का प्रतीक रुद्राक्ष का पौधा भी भेंट किए।
इस मौके पर जीवा की अंतरराष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, मौलाना एआर साहिन काजमी, राज्यसभा के उप सभापति पीजे कुरियन, सूर्दशन जुगेसुर, ग्लेन मार्टिन, आरिफ मोहम्मद खान पूर्व कैबिनेट, पूर्व आइपीएस डॉ. आनंद कुमार ने किया।
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