धोखाधड़ी मामले की जांच को एसआइटी गठित, नए सिरे से होगी मुकदमे की जांच
कांग्रेस नेता के भाई सचिन उपाध्याय के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे की जांच पुलिस की एसआइटी करेगी।
देहरादून, जेएनएन। कांग्रेस नेता के भाई सचिन उपाध्याय के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे की जांच पुलिस की एसआइटी करेगी। इसके लिए आइजी अजय रौतेला ने सीओ जया बलूनी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम पूर्व में एफआर लगे मुकदमे की नए सिरे से जांच करेगी।
जानकारी के अनुसार, नोएडा निवासी मुकेश जोशी ने 14 फरवरी 2017 को राजपुर थाने की पुलिस को बताया था कि उन्होंने वर्ष 2012 में सचिन उपाध्याय के खिलाफ दिल्ली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि सचिन ने उनकी संपत्ति को फर्जी हस्ताक्षर कर खुर्द-बुर्द कर दिया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद सचिन ने रकम लौटने का समझौते किया। सचिन ने रकम अदायगी तक मुकेश के पास देहरादून स्थित अपनी एक संपत्ति को भी गिरवी रखा। इसके कुछ दिनों बाद पता चला कि सचिन यह संपत्ति पहले ही बैंक में बंधक रख चुका है। मुकेश ने सचिन से बात की तो उसने पैसे देने से इनकार कर दिया। इस शिकायत के बाद राजपुर पुलिस ने सचिन के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया। जांच शुरू की और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए।
पुलिस ने 10 दिसंबर 2017 को यह कहते हुए इस मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगा दी कि वादी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इस रिपोर्ट को चुनौती देते हुए मुकेश जोशी ने अदालत में याचिका दायर की। इस पर गत 27 अप्रैल को अपर मुख्य दंडाधिकारी तृतीय की अदालत ने अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर दिया था। इसके बाद वादी मुकेश जोशी ने 14 जून 2019 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
मुकेश जोशी के प्रार्थनापत्र पर ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस मुकदमे को गंभीर प्रकृति का करार देते हुए एसआईटी जांच के आदेश दिए थे। आइजी अजय रौतेला ने बताया कि पूरे मामले की जांच सीओ डालनवाला जया बलूनी के नेतृत्व में इंसपेक्टर रायपुर, एसओ राजपुर नत्थीलाल उनियाल और एक अन्य दरोगा को एसआइटी में शामिल कर जांच के आदेश दिए हैं।
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